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अहमदाबाद

किसानों की आय दुगनी करने में इजरायल की कृषि तकनीक मदद करेगी: मोदी

भारत व इजरायल के प्रधानमंत्री के समक्ष किसानों ने रखी अपनी बात

अहमदाबादJan 17, 2018 / 11:10 pm

Uday Kumar Patel

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अहमदाबाद. भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वर्ष 2022 में आजादी के 75 वर्ष पूरे होने तक किसानों की आय दुगनी करने में इजरायल की कृषि तकनीक मदद करेगी। मोदी ने साबरकांठा जिले की प्रांतिज तहसील के वदराड में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल के दौरे के दौरान उन्होंने यह बात कही। इस सेन्टर को इजरायल ने विकसित किया है।
यहीं से रिमोट कंट्रोल के मार्फत कच्छ जिले के कुकमा में खजूर की फसल को के सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस का डिजीटली लोकार्पण करते हुए मोदी ने कहा कि देश की कृषि को आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति से आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास जारी है।
उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों के संबंध में विचार करने से बड़ा परिणाम मिल सकता है। खेती के कचरे को जलाकर कचरे से सर्जन का विचार करना पड़ेगा। लगातार बहते पानी से खेती करने के विचार के बदले प्रत्येक बूंद से ज्यादा फसल उत्पादन का विचार करना होगा। कृषि उत्पादन में गुणवत्ता और जैविक खेती आज की मांग है। इस दिशा में आगे बढऩे के लिए उन्होंने देश भर के किसानों का आह्वान कर गुजरात के इस दोनों सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस को देश भर के किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया।

कृषि उत्पादन बढ़ा और आर्थिक स्थिति सुधरी


अहमदाबाद. भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू के समक्ष साबरकांठा जिले के वदराड में दोनों देशों के सहयोग से तैयार सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल्स में प्रगतिशील किसानों ने अपनी बातें रखीं।
भारत-इजरायल की सहभागीदारी और कृषि क्षेत्र में भारत व इजरायल के सहयोग के 25 वर्ष पूरे होने के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इन किसानों ने सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस से कृषि व आर्थिक क्षेत्र में आए बदलाव की बात कही।
प्रांतिज तहसील के मामरोली गांव के किसान घनश्याम पटेल ने कहा कि पहले वे परंपरागत पद्धति से खेती करते थे। बैमौसमी सीजन के फसल के तहत गर्मी में फूलगोभी व पत्ता गोभी का उत्पादन कर बाजार में रखा। एक हेक्टेयर जमीन में खेती कर एक वर्ष में डेढ़ करोड़ की कमाई की।
हिम्मतनगर के मयूर पटेल ने कहा कि बीज के व्यापार को लेकर कई देश घूमे, लेकिन इस केन्द्र के कारण बीज उत्पादन में तकनीक के उपयोग से नर्सरी आरंभ किया और छह महीने में 30 लाख का लाभ हुआ।
वीजापुर तहसील के माढी गांव के किसान राकेश पटेल ने कहा कि सॉयल लेस कल्चर पद्धति से डेढ़ हेक्टेयर में एक करोड़ चालीस लाख का कारोबार किया।
प्रांतिज तहसील के मोटीदाउ गांव की सरोजबेन पटेल पहले परंपरागत खेती करते थे। यहां से ग्रीन हाउस तकनीक से खीरा, ककड़ी जैसे सामान्य पसल का आधुनिक तकनीक की मदद से उत्पादन आरंभ किया।

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