असारवा रेलवे स्टेशन (Asarwa station) पर भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है, दो प्लेटफार्म बनाए गए हैं। एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए ओवरब्रिज भी बनाया जा चुका है। टिकट आरक्षण विंडो के हॉल में दीवारों पर साजसज्जा की है। दीवारों में महात्मा गांधी और गरबा के चित्र उकेरे गए हैं। इसके अलावा नई डिजाइन के वॉटर बूथ भी बनाए गए हैं। पहले इस स्टेशन मीटरगेज की ट्रेनें दौड़ती थी, जिससे प्लेटफार्म नीचे था, लेकिन आमान परिवर्तन के बाद प्लेटफार्म भी ऊंचा किया गया है।
दो ट्रेनें चलेंगी, दो घंटे लगेगा एक ट्रेन हिम्मतनगर से सुबह छह बजे चलेगी, जो सुबह आठ बजे अहमदाबाद के असारवा रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। बाद में सुबह 11 बजे अहमदाबाद से ट्रेन चलेगी जो हिम्मतनगर स्टेशन पर अपराह्न एक बजे पहुंचेगी। दूसरी ट्रेन हिम्मतनगर से शाम साढ़े चार बजे चलेगी, जो अहमदाबाद शाम करीब साढ़े छह बजे पहुंचेगी। यह ट्रेन शुरू होने से नौकरीपेशा लोगों को काफी आसानी हो जाएगी।
अहमदाबाद मंडल के जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि अहमदाबाद से हिम्मतनगर के बीच दौडऩे वाली यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलाई जाएगी, जो दो घंटों में अहमदाबाद (असारवा) से हिम्मतनगर और हिम्मतनगर से अहमदाबाद (असारवा) पहुंचेगी।
दिल्ली-उत्तर भारत के लिए दौड़ाई जा सकती हैं ट्रेनें सूत्रों के अनुसार जिस तरीके से अहमदाबाद रेलवे स्टेशन का भार घटाने के लिए साबरमती स्टेशन को विकसित किया गया है और कई ट्रेनों को अहमदाबाद के बजाय अहमदाबाद से चलाई जा रही है। उसी तर्ज पर यदि असारवा यार्ड को विकसित किया जाए तो दिल्ली और उत्तर भारत के लिए ट्रेनें दौड़ाने के लिए नया मार्ग खुल सकता है। ना सिर्फ ट्रेनों की संख्या बढ़ सकती है बल्कि यात्रियों के समय भी बच सकता है। असारवा यार्ड में काफी जगह हैं। यहां पर यदि 24 कोचों की पिटलाइन बनाई जाए तो राजस्थान, दिल्ली और उत्तर भारत के लिए ट्रेनों को असारवा से भी दौड़ाया जा सकता है। अहमदाबाद -उदयपुर रेलखंड का आमान परिवर्तन के बाद यह संभव हो सकता है।
सांसद मुद्दा उठाएंगे.. अहमदाबाद पश्चिम के सांसद किरीट सोलंकी ने कहा कि असारवा यार्ड में जगह है तो उसका उपयोग होना चाहिए। इस मुद्दे को उठाएंगे ताकि इस मार्ग पर ज्यादा ट्रेेनें चलें और यात्रियों को उसका फायदा मिले।