सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण के जांच अधिकारी रह चुके यह आईपीएस निलंबित
-गुजरात कैडर के आईपीएस रजनीश राय फिलहाल सीआरपीएफ में प्रतिनियुक्ति पर थे
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण के जांच अधिकारी रह चुके यह आईपीएस निलंबित
अहमदाबाद. केन्द्रीय गृह विभाग ने गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी रजनीश राय को निलंबित कर दिया है। पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संवर्ग के यह अधिकारी फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर आंध्र प्रदेश के चित्तूर में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की ट्रेनिंग स्कूल में प्राचार्य के रूप में कार्यरत हैं।
केन्द्र ने कथित रूप से अपने कार्यालय का त्याग करने के कारण राय को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
वर्ष 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी ने सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ प्रकरण में वर्ष 2007 में तीन आईपीएस अधिकारियों-डी जी वंजारा, राजकुमार पांडियन, व दिनेश एम.एन. को गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में आईजी के रूप में पदस्थापित थे।
केन्द्र ने गत 17 दिसम्बर को यह आदेश जारी किया। इसके तहत उन्हें अनधिकृत रूप से आईजी तथा काउंटर इन्सरजेंसी एंड एंटी टेररिज्म स्कूल (सीआईएटी) के प्राचार्य के प्रभार से निलंबित रखा गया है। उन्हेें अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन व अपील) नियमों के प्रावधानों के तहत निलंबित किया है।
निलंबन के आदेश के जारी रहने तक रजनीश राय को चित्तूर में सीआरपीएफ मुख्यालय मेंं रहना होगा और वे सीआरपीएफ के महानिदेशक की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे।
इससे पहले उन्होंने केन्द्र सरकार से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की मांग की थी। उन्होंने 50 वर्ष पूरे होने के बाद अखिल भारतीय सेवाओं (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के तहत केन्द्र से वीआरएस मांगी थी, लेकिन केन्द्र ने उनकी यह मांग खारिज कर दी थी।
इसके बाद केन्द्र के फैसले को उन्होंने अहमदाबाद स्थित केन्द्रीय न्याय अधिकरण (कैट) के समक्ष चुनौती दी थी। रजनीश राय की इस याचिका पर अगले वर्ष पहली जनवरी को सुनवाई होगी।
राय को अगस्त 2014 में झारखंड के जादूगोड़ा स्थित यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (यूसीआईएल) में मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ)
के रूप में स्थानांतरित किया गया। उत्तर पूर्व में शंकास्पद फर्जी मुठभेड़ की रिपोर्ट पर उनका तबादला चित्तूर कर दिया गया।
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