शहीदों की याद में राजपूत समाज की दो हजार युवतियों का तलवार रास
जामनगर : भूचरमोरी शहीद श्रद्धांजलि समारोह, मुगल सेना और काठियवाड़ी राज्यों के बीच भूचरमोरी की भूमि पर लड़ी गई थी लड़ाई, केन्द्रीय मंत्री वी के सिंह, यूपी के पूर्व सीएम जगदंबिका सहित मंत्री उपस्थित
शहीदों की याद में राजपूत समाज की दो हजार युवतियों का तलवार रास
जामनगर. मुगल सम्राट अकबर व जामनगर के जामसताजी की सेना के बीच हुए भूचरमोरी के युद्ध में वीरगति पाने वाले हजारों शहीदों की याद में भूचरमोरी मैदान पर राजपूत समाज की दो हजार युवतियों ने शुक्रवार को तलवार रास कर एक रिकॉर्ड बनाया।
अखिल भारतीय गुजरात राजपूत युवा संघ की ओर से आयोजित २८वें भूचरमोरी शहीद श्रद्धांजलि समारोह के अवसर पर एक साथ दो हजार से अधिक युवतियों ने तलवार रास पेश कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
केन्द्रीय भूतल परिवहन व राजमार्ग राज्य मंत्री व पूर्व आर्मी चीफ जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद जगदंबिका पाल तथा गुजरात के राज्य मंत्री धमेन्द्रसिंह जाडेजा उपस्थित थे।
सौराष्ट्र के सबसे बड़े युद्ध के रूप में भूचरमोरी के युद्ध की गिनती होती है। अकबर की कैद से फरार होकर गुजरात के आखिरी सुल्तान मुजफ्फर शाह (तृतीय) को जामनगर के तत्कालीन राजाओं ने आसरा दिया था। जब अहमदाबाद के मुगल सेनापति ने मुजफ्फर को लौटाने को कहा था, तब नवानगर के जाम सताजी जाडेजा ने क्षत्रियधर्म का हवाला देते हुए शरणागत को लौटाने से इन्कार किया था। इसके बाद जुलाई 1591 में भूचरमोरी में दोनों सेनाओं के बीच लड़ाई हुई थी। मुगलों ने यहां चढ़ाई की थी। यह युद्ध जामसताजी प्रथम की अगुवाई में पाटवीकुंवर अजाजी, सेनापति जेसाजी चांगलाणी, मेरामणजी डूंगराणी, भाणजी दल, सेनापति पुत्र नागडाजी व अन्य वीर योद्धाओं ने लड़ा था, जिसमें ३० हजार से अधिक योद्धा शहीद हुए थे। यह ऐतिहासिक शीतला सातम के दिन खत्म हुआ था इसलिए इन शहीदों की स्मृति में शीतला सातम के दिन शुक्रवार को श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
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