एटीएस टीम ने तरल भट्ट को अहमदाबाद के रिंग रोड से गिरफ्तार किया। माना जा रहा है कि उससे पूछताछ में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। गुजरात एटीएस ने कल तराल भट्ट के अहमदाबाद स्थित घर पर छापा भी मारा था।
जूनागढ़ रिश्वत और जबरन वसूली मामले में भट्ट सहित तीन पुलिस अधिकारी शामिल थे, जिन पर रुपए की मांग करने का आरोप लगा था। मामले में पीआई तरल भट्ट, एसओजी पीआई एमएम गोहिल और एएसआई दीपक जानी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। शिकायत दर्ज होने के बाद से ही तीनों फरार थे।
तरल भट्ट की अहमदाबाद से गिरफ्तारी
मामले में विवाद के बाद जांच गुजरात एटीएस को सौंपी गई। गुजरात एटीएस का दावा है कि तरल भट्ट को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया। सूत्रों से यह भी जानकारी मिली कि तरल भट्ट के कुछ खास लोग एक दिन पहले एटीएस में गए थे। ऐसा कहा जाता कि उन्होंने एटीएस का दौरा किया क्योंकि उनके पास कॉल सेंटर माफिया और मधुपुरा रैकेट का डेटा था। ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि एटीएस जांच किस दिशा में ले जाएगी।
क्या है पूरा मामला ?
केरल के व्यवसायी कार्तिक भंडारी का बैंक खाता जूनागढ़ एसओजी ने जब्त कर लिया था। इस मामले में उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। जूनागढ़ आते ही व्यापारी को ईडी में रिपोर्ट करने की धमकी दी और खाता फ्रीज करने के लिए 25 लाख रुपए की मांग की गई।
जिसके बाद कारोबारी ने जूनागढ़ के रेंज आईजी से संपर्क किया और। रेंज आईजी ने जांच करते हुए खुलासा किया कि एक या दो नहीं बल्कि 335 ऐसे खाते गलत तरीके से एसओजी द्वारा फ्रीज किए गए थे। पीआई तरल भट्ट, एसओजी पीआई अरविंद गोहिल और एएसआई दीपक जानी को निलंबित कर दिया।
तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईजी कार्यालय के शक्तिसिंह गोहिल ने बी डिवीजन थाने में शिकायत दर्ज करायी थी। अवैध संगठन बनाकर पैसे वसूलने के आरोप में पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 167, 467 के तहत मामला दर्ज किया।