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अहमदाबाद

कराई पुलिस अकादमी ट्रेनिंग ले रहे 15 ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में जाकर दान किया प्लाज्मा

प्रशिक्षण लेने वालों में से 28 हुए थे कोरोना ग्रस्त
 
 

अहमदाबादMay 12, 2021 / 09:28 pm

Omprakash Sharma

कराई पुलिस अकादमी ट्रेनिंग ले रहे 15 ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में जाकर दान किया प्लाज्मा

कराई पुलिस अकादमी ट्रेनिंग ले रहे 15 ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में जाकर दान किया प्लाज्मा

अहमदाबाद. गांधीनगर जिले में कराई पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे भावि पुलिस अधिकारियों में से कोरोना ग्रस्त हुए 28 में से 15 ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल को प्लाज्मा दान किया है। इन नवयुवकों का दान कोरोना से जूझ रहे मरीजों को नया जीवन दे सकेगा। इससे 30 मरीजों को लाभ हो सकता है।
कराई पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) हरेश दुधात ने अपने ट्वीटर हेंडल के माध्यम से प्लाज्मा दान की पेशकश की थी। जिसमें कहा गया था कि अकादमी में पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हुए 28 प्रशिक्षणार्थी प्लाज्मा दान करना चाहते हैं। इसके कुछ दिनों बाद अहमदाबाद सिविल अस्पताल के ट्वीटर हेंडल से उचित जानकारी दी गई। बस बात बन गई और सिविल अस्पताल की ब्लड बैंक की वैन कराई अकादमी में पहुंच गई। जहां पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित हुए 28 प्रशिक्षणार्थियों की एन्टी बॉडी परखी गई। इनमें से 15 प्लाज्मा दान करने में सक्षम पाए गए थे। इन जवानों ने मंगलवार को प्लाज्मा दान किया। कराई पुलिस अकादमी के पुलिस अधीक्षक दुधात ने बताया कि कोरोना काल में प्लाज्मा थैरेपी भी महत्वपूर्ण साबित हो रही है। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद जो लोग नेगेटिव हुए हैं उन्हें समय पर प्लाज्मा का दान करना चाहिए, ताकि जरूरतमंद कोरोना के मरीजों को इसका लाभ मिल सके। कराई पुलिस अकादमी के महानिदेशक विकास सहाय एवं प्रिन्सिपल एनएन चौधरी के मार्गदर्शन में प्लाज्मा दान की गतिविधियां की गईं। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जेवी मोदी ने प्लाज्मा दान करने वाले जवानों और अधिकारियों की गतिविधियों की सराहना की।
यह है प्लाज्मा थैरेेपी
एक बार कोरोना का संक्रमण लगने के बाद जब मरीज स्वस्थ हो जाता है तब उसके शरीर में एन्टीबॉडी उत्पन्न होती है। एन्टीबॉडी की यह प्रक्रिया बीमारी से लडऩे में मदद करती है। ऐसे लोगों के रक्तदान करने पर प्लाज्मा निकाला जाता है । चिकित्सकों का कहना है कि यह प्लाज्मा कोरोना के मरीजों में उपयोग होता है तब उनके शरीर में भी एन्टीबॉडी बनती है जिससे मरीज की हालत सुधरने लगती है। एक व्यक्ति के शरीर से लिए जाने वाले प्लाज्मा से कोरोना के दो मरीजों का उपचार किया जा सकता है। कोरोना संक्रमित होकर व्यक्ति की रिपोर्ट जब नेगेटिव आती है तो उसके दो सप्ताह बाद प्लाज्मा दान किया जा सकता है।

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