श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की अहमदाबाद इकाई की ओर से 154 वें मर्यादा महोत्सव का कार्यक्रम आचार्य महाश्रमण की आज्ञानुवर्तिनी शिष्या साध्वी चंदनबाला, साध्वी लावण्यश्रीजी, साध्वी कनकरेखा व साध्वियों के सान्निध्य में शाहीबाग क्षेत्र स्थित घासीराम चौधरी भवन में आयोजित किया गया। साध्वी लावण्यश्रीजी व साध्वी कनकरेखा ने बताया कि मर्यादा महोत्सव सेवा, श्रद्धा व समर्पण का त्रिवेणी महोत्सव है। साध्वी चंदनबाला ने मर्यादा का महत्व बताते हुए हाजरी का वाचन किया। कार्यक्रम की शुरुआत मर्यादा घोष के साथ और मंगलाचरण मर्यादा गीत से की गर्ई। तेरापंथ धर्मसंघ की विविध संस्थाओं के पदाधिकारियों ने विचार व्यक्त किए। तेरापंथ कन्या मंडल की ओर से मर्यादा निष्ठा पर लघुनाटिका ‘भीक्षु का सम्यक चश्माÓ प्रस्तुत की गई। तेरापंथ महिला मंडल की ओर से मर्यादा महोत्सव पर होने वाले कार्यक्रम, श्रद्धा सेवा का सम्मान, चाकरी-चातुर्मास की घोषणा आदि बिन्दुओं पर चिन्टू-मिन्टू-पिन्टू के कार्टून के दृश्यों के जरिये जानकारी दी।
साध्वियों ने आचार्य के दर्शन करने पर साधु-संतों की ओर से पन्ना-पोथी आदि सौंपने, वंदन करने, भेंट और आचार्य की ओर से आर्शीवाद, वात्सल्य, बक्षीष प्रदान करने के अविष्मरणीय पल का साक्षी बनने वाले समाज का एक रूपक के माध्यम से श्रावकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सुरेश बागरेचा के अनुसार साध्वी वर्धमानश्री, साघ्वी राजश्रीजी ने अपने विचार व्यक्त किए। साध्वियों ने सामूहिक गीतिका का संगान किया। सुरेन्द्र लुणिया ने संचालन अरूण बैद ने आभार व्यक्त किया।
आणंद. शहर के निकट बाकरोल में नवीनीकरण के लिए तालाब खाली करने की कार्रवाई के दौरान एक विशाल कछुआ दिखाई दिया। करीब १०० वर्ष की आयु के कछुए का वजन ७०-८० किलो बताया जा रहा है। कछुए को देखने के लिए ग्रामीण एकत्रित हो गए। दूसरी ओर, सूचना मिलने पर विद्यानगर स्थित नेचर हेल्प लाइन फाउंडेशन के स्वयं सेवक अल्केश, अतुल परमार, शैलेष माछी, मिहीर मकवाणा व वन विभाग की टीम पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन कर मंगलवार रात को विशाल कछुए को खोज निकाला। तालाब में कछुओं के अलावा मगरमच्छ भी होने की जानकारी मिली है, लेकिन पानी खाली करने के कारण मगरमच्छ तालाब से निकल गए। ऐसे में गांव में मगरमच्छ घुसने की दहशत से लोग परेशान हैं।