विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, कुंवरजी की थर्टी फस्र्ट क ो प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात नए वर्ष के तोहफे के रूप में बदल सकती है। ३१ दिसंबर को नई दिल्ली में हुई बैठक मेंं इस बारे में विचार किया जा चुका है। प्रधानमंत्री ने कुंवरजी से मुलाकात का फोटो ट्वीट किया था और उन्हें जीत की शुभकामनाएं दी थीं। कुंवरजी ने दिल्ली यात्रा के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की थी। तभी से गुजरात की राजनीति में यह चर्चा चल रही है।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद सौराष्ट्र के दिग्गज कोळी नेता कुंवरजी को केबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने के दिन ही जलापूर्ति, पशुपालन, ग्रामीण गृह निर्माण मंत्री बनाया गया था। तब उन्होंने कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दिया और हाल ही हुए उप चुनाव में वे जसदण विधानसभा सीट से 19 हजार से अधिक वोटों से जीते। उन्होंने अपने ही राजनीतिक शिष्य व कांग्रेस प्रत्याशी अवसर नाकिया को पराजित कर शानदार जीत दर्ज की।
ओबीसी पर पकड़ व सौराष्ट्र पर नज़र :
माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से कुंवरजी को प्रमोशन दिए जाने से इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में कोली व अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय पर भाजपा की पकड़ मजबूत बनेगी। चर्चा है कि कांग्रेस के वोट बैंक माने जाने वाले ओबीसी समुदाय पर कांग्रेस के प्रभुत्व को समाप्त करने के लिए भाजपा की ओर से यह कदम उठाया जाएगा। कोली व ओबीसी समुदाय पर कांग्रेस की पकड़ को कमजोर करने और इसका लाभ उठाने के लिए कुंवरजी को राज्य मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण स्थान दिया जा सकता है।
तटीय क्षेत्र में बड़ा वोट बैंक :
गुजरात के समुद्र तटीय विधानसभा सीटों पर कोली समुदाय का बड़ा वोट बैंक है। इनमें राजकोट, जूनागढ़, भावनगर, बोटाद, अमरेली, सुरेंद्रनगर जिले शामिल हैं। माना जा रहा है कि कोली समुदाय के वोट हासिल करने पर लोकसभा की 10 सीटें जीतना संभव हो सकता है इसलिए कुंवरजी को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने व वर्तमान उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल को भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ाने की चर्चा है।
अटकलें हैं, सच्चाई नहीं : कुंवरजी
उधर, कुंवरजी बावळिया ने एक बयान में बताया कि उन्हें उप मुख्यमंत्री की पदोन्नति की अटकलों में कोई सच्चाई नजर नहीं आती। हालांकि पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, वे उसे पूरी तरह निभाएंगे।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद सौराष्ट्र के दिग्गज कोळी नेता कुंवरजी को केबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने के दिन ही जलापूर्ति, पशुपालन, ग्रामीण गृह निर्माण मंत्री बनाया गया था। तब उन्होंने कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दिया और हाल ही हुए उप चुनाव में वे जसदण विधानसभा सीट से 19 हजार से अधिक वोटों से जीते। उन्होंने अपने ही राजनीतिक शिष्य व कांग्रेस प्रत्याशी अवसर नाकिया को पराजित कर शानदार जीत दर्ज की।
ओबीसी पर पकड़ व सौराष्ट्र पर नज़र :
माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से कुंवरजी को प्रमोशन दिए जाने से इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में कोली व अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय पर भाजपा की पकड़ मजबूत बनेगी। चर्चा है कि कांग्रेस के वोट बैंक माने जाने वाले ओबीसी समुदाय पर कांग्रेस के प्रभुत्व को समाप्त करने के लिए भाजपा की ओर से यह कदम उठाया जाएगा। कोली व ओबीसी समुदाय पर कांग्रेस की पकड़ को कमजोर करने और इसका लाभ उठाने के लिए कुंवरजी को राज्य मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण स्थान दिया जा सकता है।
तटीय क्षेत्र में बड़ा वोट बैंक :
गुजरात के समुद्र तटीय विधानसभा सीटों पर कोली समुदाय का बड़ा वोट बैंक है। इनमें राजकोट, जूनागढ़, भावनगर, बोटाद, अमरेली, सुरेंद्रनगर जिले शामिल हैं। माना जा रहा है कि कोली समुदाय के वोट हासिल करने पर लोकसभा की 10 सीटें जीतना संभव हो सकता है इसलिए कुंवरजी को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने व वर्तमान उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल को भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ाने की चर्चा है।
अटकलें हैं, सच्चाई नहीं : कुंवरजी
उधर, कुंवरजी बावळिया ने एक बयान में बताया कि उन्हें उप मुख्यमंत्री की पदोन्नति की अटकलों में कोई सच्चाई नजर नहीं आती। हालांकि पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, वे उसे पूरी तरह निभाएंगे।