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अहमदाबाद

एक और शावक का शव मिला, मौत का कारण लीवर संक्रमण

-नहीं खत्म हो रहा शेरों की मौतों का सिलसिला

अहमदाबादDec 20, 2018 / 11:13 pm

Uday Kumar Patel

Cub found, Gir forests

एक और शावक का शव मिला, मौत का कारण लीवर संक्रमण

अहमदाबाद/जूनागढ़. गिर शेरों की मौतों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। अमरेली जिले की खांभा तहसील के मोटा हिंगरोल के गांव में गुरुवार को एक शावक का शव मिला। शावक करीब दो महीने का बताया जाता है। वन विभाग के मुताबिक शावक का शव खांभा तहसील के इगोराला गांव के निवासी कनूभाई कुंजलिया की खेत में पाया गया। शव का पोस्टमार्टम किया गया और पाया गया कि शावक की मौत लीवर संक्रमण के कारण हुई।
इस तरह अब तक गिर जंगल क्षेत्र में करीब तीन दर्जन शेरों की मौत हो चुकी है। गत सितम्बर महीने में करीब 13 दिनों में 23 शेरों की मौत हो गई थी। इनमें ज्यादातर शेरों की मौत केनाइन डिस्टेम्पर वाइरस (सीडीवी) संक्रमण के कारण बताई जाती है।
गत 12 सितम्बर से 2 अक्टूबर के दौरान गिर जंगल के अमरेली जिले के दलखाणिया रेंज में 23 शेरों की मौत हो गई थी। अधिकांश शेरों की मौत केनाइन डिस्टेम्पर वाइरस (सीडीवी) के कारण मौत हुई थी।
उच्च न्यायालय ने गत अप्रेल महीने में विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में दो वर्षों में 182 एशियाई शेरों की मौतों को लेकर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के आधार पर उच्च न्यायालय ने खुद संज्ञान (सुओमोटो) लेते हुए याचिका दायर की थी। न्यायालय ने शेरों की वाइरस से हुई मौतों पर उठाए गए कदम के बारे में रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
खंडपीठ ने वाइरस से हुई मौतों के साथ-साथ गिर जंगल में खुले कुएं और बिजली के करंट से होने वाले मौत को लेकर भी रिपोर्ट मांगी थी।

राज्य के वन मंत्री गणपतसिंह वसावा ने विधानसभा को बताया था कि वर्ष 2016 में 104 शेरों तथा वर्ष 2017 में 80 शेरों की मौत हुई है। इनमें शेर 39, शेरनी 74 व 71 शावक शामिल हैं। वर्ष 2015 की गणना के मुताबिक राज्य में एशियाई शेरों की संख्या 523 है। वर्ष 2010 में यह संख्या 411 थी वहीं वर्ष 2005 में शेरों की संख्या 359 थी।
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