lockdown 3.0: कई कारणों से लोगों राशन कार्ड का उपयोग करने में असमर्थ, 40 फीसदी से हेल्पलाइन से जानकारी मांगी
अहमदाबाद. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान गरीबों, जरूरतमंद परिवारों में असर पड़ा है। आईआईएम अहमदाबाद की ओर से किए गए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) तक पहुंच के बारे में सर्वेक्षण में शामिल केवल 53 फीसदी परिवारों ने कहा कि उन्होंने महीने के लिए राशन लिया है, हालांकि 80 फीसदी से अधिक लोगों ने दावा किया कि उनके पास वर्तमान में रहने वाली जगह का ही राशन कार्ड है। यह पहले के सर्वेक्षण के 58 फीसदी से थोड़ा कम है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड थे, वे लोग कई कारणों से इसका उपयोग करने में असमर्थ थे। इन कारणों में आसपास के क्षेत्र में राशन की दुकानों का बंद होना, अनाज की कम आपूर्ति होना या दुकानों पर बहुत भीड़ होना और साथ ही कई लोगों को बाद की तारीख (कुछ दिनों या सप्ताह के बाद या 4 मई को) आने के लिए कहा जाना शामिल है। एनएफएसए स्टैम्प के बिना ए.पी.एल कार्डधारकों को राशन प्राप्त करने की मंजूरी के बावजूद दस से अधिक परिवारों ने कहा कि उन्हें अभी भी इस कारण राशन नहीं दिया जा रहा है। अन्य लोगों ने बताया कि उनके पास या तो उस स्थान का कार्ड नहीं था जहाँ वे वर्तमान में रह रहे थे, उन्होंने अपना राशन कार्ड खो दिया था/ उनके पास केवल कार्ड की फोटोकॉपी थी, या कार्ड किसी और के नाम पर था, जो अब चल नहीं पाते या किसी और कारण से दुकान तक नहीं जा सकते। कुछ परिवारों ने बताया कि उन्हें नियमित से कम मात्रा प्राप्त हुई है। लगभग 46 फीसदी ने जनधन खाता होने की सूचना दी। जिन लोगों के पास खाता था, उनमें से लगभग 50 फीसदी ने सरकार से अपने खातों में पैसे ट्रांसफर के बारे में जानकारी होने की सूचना दी। आंगनबाडी जाने वालों में केवल 34 फीसदी ने आंगनबाड़ी से खाना सहायता प्राप्त करने का दावा किया।
लगभग 40 फीसदी ने कोरोना से जुड़़े लक्षणों, सावधानियों और हेल्पलाइन से संबंधित जानकारी मांगी और यह उन्हें तुरंत प्रदान की गयी थी)। यह पिछले सर्वेक्षण से दोगुना है।