टिड्डी प्रभावित जिला स्तर पर कंट्रोल रूम आरंभ किया गया है। टिड्डी नियंत्रण के लिए फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर टिड्डियों के झुंड के सर्वे और इसके नियंत्रण के लिए आवश्यक वाहन, वाहन संचालित स्प्रेयर, टैंकर व अन्य उपकरणों की सूची तैयार रखी गई है। राज्य में टिड्डी नियंत्रण के लिएजरूरी कीटनाशक दवा भी समय से उपलब्ध कराने जाने के लिए उत्पादक कंपनी के साथ बात की गई है। कीटनाशकों के छिड़़काव के खर्च के लिए किसानों को मदद करने के लिए राज्य सरकार ने उचित रकम प्रावधान की व्यवस्था की है। राज्य स्तर पर क्षेत्रीय कार्यालय, एलसीओ कार्यालय तथा कृषि वैज्ञानिक के साथ संयोजन कर जानकारी आदान-प्रदान करने के लिए सोशल मीडिया ग्रुप बनाकर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
एक तरफ जहां कोरोना वायरस की महामारी के कारण संकट का दौर जारी है इस कारण लोग ङ्क्षचतित है वहीं रण इलाकों में टिड्डियों के आक्रमण ने किसानों पर संकट डाल दिया है।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष भी राज्य के कच्छ, बनासकांठा, पाटण जिले में 19 हजार से ज्यादा हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों के झुंड का उपद्रव देखने को मिला था।