अहमदाबाद शहर में ३१ मई २०१९ की स्थिति में बीते दो साल में १८९ लोगों की हत्या हुई, जबकि २१३ लोगों की हत्या की कोशिश की, बलात्कार के ३११ मामले दर्ज हुए, जबकि लूट की ६९८ घटनाएं हुईं। डकैती की ८७, धमकी की १४३९ और छेड़छाड़ की ५२६ घटनाएं हुीं। आकस्मिक मौत की ३९०० सौ घटनाएं हुईं।
अहमदाबाद शहर में एक जून २०१७ से ३१ मई २०१८ के दौरान लूट की २५९ घटनाएं हुई थीं जो १ जून २०१८ से ३१ मई २०१९ के दौरान बढ़कर ४३९ हो गईं। इसी प्रकार से जून-१७ से मई १८ के दौरान डकैती के केवल १९ मामले ही दर्ज हुए थे, जो जून-१८ से मई १९ के दौरान बढ़कर ६८ हो गए।
बलात्कार के मामले भी जून-१७ से मई १८ के दौरान १३१ दर्ज हुए थे जो जून-१८ से मई २०१९ के दौरान बढ़कर १८० पर पहुंच गए हैं। छेड़छाड़ की घटनाएं जून-१७ से मई १८ के दौरान २४६ दर्ज हुई थीं जो जून १८ से मई २०१९ के दौरान बढ़कर २८० पर पहुंच गईं। हालांकि अहमदाबाद शहर में जून-१७ से मई १८ के दौरान १०३ लोगों की हत्या हुई थी, जो जून-१८ से मई २०१९ के दौरान घटकर ८६ पर रह गईं। हालांकि हत्या के प्रयास के मामले ९२ से बढ़कर १२१ पर पहुंच गए।
अहमदाबाद ग्राम्य में जून-१७ से मई १८ के दौरान २७ लोगों की हत्या हुई थी, जो जून-१८ से मई १९ के दौरान बढकर ३५ पर पहुंच गई। गांधीनगर में भी जून-१७ से मई १८ के दौरान १७ लोगों की हत्या हुई थी, जो जून १८ से मई १९ के दौरान बढ़कर २० पर पहुंच गई। बलात्कार के मामले अहमदाबाद ग्राम्य में घटे हैं, जबकि गांधीनगर में बढ़े, छेड़छाड़ की घटनाओं में भी अहमदाबाद ग्राम्य और गांधीनगर में कमी देखी गई।
शहर में बीते दो सालों में अपराधों के बढऩे की बात है तो इसका एक पहलू यह भी दर्शाता है कि थानों तक लोगों की पहुंच आसान हुई है। प्राथमिकता भी यही है कि कोई भी पीडि़त व्यक्ति थाने में शिकायत लेकर पहुंचे तो उसकी शिकायत दर्ज हो और उसे हल किया जाए। दो सालों में लोगों का शहर पुलिस पर विश्वास बढ़ा है। अपराध अन्वेषण का रेशियो और पकड़े गए आरोपियों की संख्या देखें तो अब तक की सबसे ज्यादा है। अपराध रोकने के लिए जरूरी हर कदम उठाया जा रहा है।
-ए.के.सिंह, पुलिस आयुक्त, अहमदाबाद शहर