जाड़ेजा ने कहा कि कोरोना महामारी में आमजन की जिन्दगी बचाने के लिए खुद की जिन्दगी ताक पर रखकर पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रहे हैं। राज्यभर में मिनी लॉकडाउन एवं नाइट कफ्र्यू का सख्ती से अमल कराने के लिए सवा लाख से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, जिसमें 56,616 पुलिसकर्मी, 89 एसआरपीएफ की कम्पनियां, 13,361 होमगार्ड जवान, 29,444 लोकरक्षक दल (जीआरडी) और 7620 ट्रैफिक ब्रिगेड के जवान तैनात हैं। कोरोना संक्रमण रोकने और आमजन की सुरक्षा के लिए मास्क न पहनने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन की संग्रहखोरी और कालाबाजारी करने वालों तथा नकली इंजेक्शन बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई। ऐसे 32 मामले सामने आए, जिसमें 103 आरोपियों में से 92 आरोपी गिरफ्तार किए गए। जबकि 1.82 करोड़ के 5833 रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किए गए।
उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से गुजरात में प्रवेश करने वालों नागरिकों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य हैं। इसकी जांच के लिए 50 अंतरराज्यीय चेकपोस्ट बनाए गए हैं। अब तक 12,563 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तथा एसआरपी जवान कोरोना संक्रमित हुए हैं, जिसमें 3144 अभी एक्टिव हैं और 88 अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं अब तक 8६ फीसदी पुलिस अधिकारियो और कर्मचारियों ने वैक्सीन ली है।
राज्य के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते गृहराज्य मंत्री जाड़ेजा ने कहा कि मानव जिन्दगी बचाने के लिए संक्रमितों को प्लाज्मा डोनेट कर मिसाल पेशकर पुलिस सही अर्थों में जनता की सच्ची मित्र बनी। कोरोना महामारी में देशभर में पुलिसकर्मी कोरोना वॉरियर्स फ्रंटलाइन सैनिक के तौर पर कार्य कर रहे हैं। कोरोना महामारी में मिनी लॉकडाउन और रात्रि कफ्र्यू, ट्रैफिक मैनेजमेन्ट, मास्क चेकिंग, चेकपोस्ट समेत ड्यूटी में सवा लाख सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। बैठक से पूर्व कोरोना संक्रमित होने के बाद जिन्दगी खोने वाले फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स ऐसे पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।