जांच कमेटी गठित :
यूनिवर्सिटी के प्रभारी रजिस्ट्रार एन. के. ओझा के अनुसार एसिड अटैक की धमकी के आरोप की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जब तक यह कमेटी जांच पूरी नहीं करेगी, तब तक सातों आरोपियों का परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, जुबेर यूनिवर्सिटी का छात्र नहीं, उसके विरुद्ध यूनिवसिर्टी की ओर से पुलिस कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सातों विद्यार्थियों के विरुद्ध जांच की जा रही है। जांच पूरी नहीं होने तक उन्हें किसी भी जगह प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
सातों में से फजल पठान, आकिब पठान, रुस्तम पठान, अतिकुंज पठान एवं कलीम पठान आट्र्स फैकल्टी के विद्यार्थी हैं, जबकि साकिब पठान की एटीकेटी आई है और मोहसीन पठान कॉमर्स फैकल्टी में पीजी डिप्लोमा का छात्र है।
कैम्पस के गेटों पर कड़ी तलाशी :
ओझा ने बताया कि कैम्पस में सोमवार से सभी गेटों पर कड़ी जांच की जा रही है। पहचान पत्र के बिना प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी की सिक्युरिटी व्यवस्था को मजबूत बनाया जाएगा।
यह था मामला :
होली के दिन हुई मारपीट के मामले में रेगिंग की फर्जी शिकायत के मामले में विद्यार्थी को निलम्बित करने की मांग के साथ यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के महासचिव, उपाध्यक्ष व आट्र्स फैकल्टी जीएस सहित विद्यार्थी गत शुक्रवार को हैड ऑफिस में गए, कुछ छात्रों ने उनका विरोध किया था।
इस बीच कहासुनी होने से एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष जुबेर पठान, फजल पठान ने छात्रसंघ की उपाध्यक्ष सलोनी मिश्रा पर एसिड फेंकने की धमकी दी थी। इस संबंध में सलोनी ने डीसीपी क्राइम व सयाजीगंज पुलिस थाने में और यूनिवर्सिटी के कुलपति से शिकायत की थी। सलोनी व श्रेया नेगांधे सहित तीन छात्राओं ने की शिकायत मे आरोप लगाया कि जुबेर, फजल व उनके ग्रुप के अन्य सदस्यों ने हैड ऑफिस में सार्वजनिक में कहा था कि इन छात्राओं को ध्यान से देख लो, एसिड अटैक करेंगे। पूरा मामला थाने पहुंचने से पुलिस ने शनिवार को आठों को गिरफ्तार कर लिया था।