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अहमदाबाद

अलग-अलग कंपनी की दो डोज से इम्युनिटी में परिवर्तन नहीं डॉ. रावल

कोरोना वैक्सीन एक छोटा सामान्य इंजेक्शन है, जैसे छोटे बच्चों का टीकाकरण होता है, वैसे ही कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण है

अहमदाबादJan 22, 2021 / 03:03 pm

Rajesh Bhatnagar

अलग-अलग कंपनी की दो डोज से इम्युनिटी में परिवर्तन नहीं डॉ. रावल

अलग-अलग कंपनी की दो डोज से इम्युनिटी में परिवर्तन नहीं डॉ. रावल

राजेश भटनागर

अहमदाबाद. कोरोना वैक्सीन एक छोटा सामान्य इंजेक्शन है, जैसे छोटे बच्चों का टीकाकरण होता है, वैसे ही कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण है। सरकार की ओर से एक ही कंपनी की कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज देेने की संभवतया व्यवस्था की गई है लेकिन एक बार कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद दूसरी बार अलग कंपनी की वैक्सीन लगवाने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती। दूसरी कंपनी की वैक्सीन लगवाने पर उससे इम्युनिटी में कोई परिवर्तन नहीं आता। सामान्यतया फ्लू का वैक्सीन लगवाने पर 50 प्रतिशत प्रभाव पड़ता है, वह प्रतिवर्ष लगवानी पड़ती है।
गुजरात के वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डॉ. नरेन्द्र रावल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने से समाज में हर्ड इम्युनिटी (100 लोगों से 70 से अधिक लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ यानी वैक्सीन लेने के बाद एंटी बॉडी पैदा होना) पैदा होती है। कोरोना से बचाव के लिए दो वैक्सीन लगाई जाती है। पहली वैक्सीन के 28 दिन बाद दूसरी वैक्सीन लगाई जाती है। इसके 14 दिन बाद एंटी बॉडी इम्युनिटी पैदा होती है। तब तक सभी लोगों को मास्क पहनना है, सेनेटाइजर और साबुन का उपयोग करना है, दो गज यानी 6 फीट की दूरी रखनी है।
जटिलता नहीं होती

वैक्सीन लगवाने के बाद आमतौर पर किसी प्रकार की जटिलता नहीं होती। वैक्सीन लगवाने के बाद इंजेक्शन लगाने के स्थान पर थोड़ा-सी सूजन, चमड़ी लाल होती है, थोड़ा दर्द होता है लेकिन दर्द से राहत की दवाई लेने और चमड़ी रोग से राहत की दवाई लगाने से वह अपने-आप ठीक होता है। कभी बुखार आता है, शरीर में दर्द होता है तो उसकी दवाई दी जाती है। दस लाख में से एक व्यक्ति को वैक्सीन लगवाने के बाद एनाफेलेटिक शॉक (रक्तचाप कम होना, हृदय की धडक़न कम-ज्यादा होना, व्यक्ति मूच्र्छा अवस्था में आता है लेकिन मृत्यु नहीं होती) होने की संभावना रहती है। उससे निपटने के लिए सरकार की ओर से दवाइयों की व्यवस्था की गई है। हमें डरना नहीं है, कोरोना का वैक्सीन लगवाना जरूरी है।
वैक्सीन हमारी जिन्दगी है

किसी भी कंपनी की कोरोना वैक्सीन लगवाना जरूरी है, वैक्सीन ही हमारी जिन्दगी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन आमतौर पर 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को लेनी है। गर्भवती महिलाओं को और लेक्टेशन कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन नहीं दी जानी चाहिए। भारत में वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले अमरीका, यूरोपियन देशों में करोड़ों लोगों ने वैक्सीन ली है।

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