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अहमदाबाद

मोरारी बापू के सिंह दर्शन पर आपत्ति, हाईकोर्ट को पत्र

प्रख्यात कथाकार मोरारी बापू के गिर अभयारण्य के प्रतिबंधित इलाके में गैरकानूनी रूप से प्रवेश के कथित आरोपों को लेकर पोरबंदर के एक वकील ने गुजरात उच्च न

अहमदाबादOct 11, 2017 / 04:43 am

मुकेश शर्मा

Objection to Morari Bapu's lion philosophy, letter to the High Court

Objection to Morari Bapu’s lion philosophy, letter to the High Court

अहमदाबाद।प्रख्यात कथाकार मोरारी बापू के गिर अभयारण्य के प्रतिबंधित इलाके में गैरकानूनी रूप से प्रवेश के कथित आरोपों को लेकर पोरबंदर के एक वकील ने गुजरात उच्च न्यायालय को पत्र लिखा है।

भनूभाई ओडेदरा ने इस पत्र में आरोप लगाया गया कि ८/9 अक्टूबर को जूनागढ़ वन विभाग के अधिकारियों की मदद से मोरारीबापू व अन्य ने गिर अभयारण्य में गैरकानूनी ढंग से प्रवेश किया। वन विभाग की लापरवाही से गैरकानूनी रूप से सिंह दर्शन भी किया।

इसलिए इस मामले में मोरारी बापू के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए। इस मामले में जांच आयोग गठित करने की भी मांग की गई है।

पत्र में यह कहा गया कि गिर अभयारण्य में 15 जून से 15 अक्टूबर तक अवकाश है और इस दौरान सिंह दर्शन की मनाही है। ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति भूलवश जंगल में चला जाए तो हजारों रुपए का दंड कर वन विभाग मामला दर्ज करता है। इन दिनों जूनागढ़ में मोरारीबापू की कथा जारी है।

12वीं की प्रायोगिक परीक्षा अब गुजरात बोर्ड लेगा

अब 12वीं विज्ञान बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड लेगा। परीक्षा के लिए निरीक्षक और केंद्र भी बोर्ड तय करेगा। इसके लिए राज्य के सभी विज्ञान स्कूलों से लेबोरेटरी, प्रयोग और रसायन की जानकारी मांगी गई है।

गुजरात सरकार ने विज्ञान वर्ग में सेमेस्टर प्रणाली को समाप्त कर दिया है। सेमेस्टर प्रणाली में 11वीं और 12वीं को मिलाकर चार सेमेस्टर होते थे। हर सेमेस्टर की परीक्षा बोर्ड की ओर से ली जाती थी। सभी के परिणाम को मिलाकर अंतिम परिणाम जारी किया जाता था।

इन सभी सेमेस्टरों की प्रायोगिक परीक्षा का जिम्मा अब तक स्कूल पर था। गुजरात सरकार ने 12वीं की परीक्षा को फिर से रेग्यूलर कर दिया है। इसलिए 2018 में जीव विज्ञान , रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा स्कूलों के बजाय बोर्ड खुद लेगा।

बोर्ड ने इसकी घोषणा कर दी है। लिखित परीक्षा में केंद्र और निरीक्षक बोर्ड तय करता है। उसी तरह प्रायोगिक परीक्षा के लिए भी केंद्र और निरीक्षक बोर्ड तय करेगा। प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित रहने पर विद्यार्थी की दोबारा प्रायोगिक परीक्षा देने का मौका नहीं मिलेगा। सालभर स्कूलों में जो प्रयोग करवाए जाते हैं, उसकी जनरल को भी बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा में शामिल किया जाएगा। जनरल के अंक वार्षिक परीक्षा में जोड़े जाएंगे।

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