उन्होंने सुझाव देते कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ मिलकर जीसीसीआई राज्य के वरिष्ठ् और अनुभवी चिकित्सकों से टेली मेडिसिन और टेली काउंसिंलिंग की व्यवस्था करें ताकि लोग घर बैठे चिकित्सकीय सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें। अब तक जीसीसीआई के सहयोग से राज्य सरकार का उत्साह बढ़ा है। हमें डरना नहीं बल्कि लडऩा है। महामारी से गुजरात को बचाना है। राज्य सरकार को अस्पताल में भर्ती और होम आइसोलेशन वाले मरीजों के उपचार की चिंता है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में महाजन मंडलों की स्वैच्छिक बंद और आंशिक लॉकडाउन की पहल सराहनीय है। लोग रोजगार नहीं खोएं और अर्थ व्यवस्था भी चलती रहे ऐसी ‘जान भी जहान भीÓ का मंत्र अपनाकर रणनीति बनाना जरूरी है। बैठक में अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, जामनगर समेत 11 जिलों के जीसीसीआई के अध्य एवं पदाधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव दिए।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री के सचिव अश्विनी कुमार ने राज्य में कोरोना संक्रमण एवं स्वास्थ्य ढांचे की वर्तमान स्थिति को लेकर विस्तृत जानकारी दी, जिसमें गुजरात की देश के अन्य राज्यों की कोरोना संक्रमण की स्थिति की तुलनात्मक समीक्षा, गुजरात में कोरोना संक्रमण के मामले, टेस्टिंग, ट्रीटमेन्ट, अस्पतालों में बेड की सुविधा, वेन्टीलेटर-ऑक्सीजन की उपलब्धता, रेमडेसिविर इंजेक्शन, जरूरी दवाइयां, टीकाकरण की प्रतिशत, मरीजों की रिकवरी दर, कोरोना नियंत्रण के लिए भावी रणनीति समेत मुद्दे शामिल थे। बैठक में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव एम.के. दास समेत उच्च अधिकारी शामिल थे।