गुजरात सरकार ने तीन अधिकारियों को थमाई चार्जशीट
-केन्द्रीय मंत्री ईरानी के सांसद निधि से हुए निर्माण कार्य में गड़बड़ी के आरोप पर राज्य सरकार ने पेश की रिपोर्ट
गुजरात सरकार ने तीन अधिकारियों को थमाई चार्जशीट
अहमदाबाद. केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के सांसद निधि से हुए निर्माण कार्य में गड़बड़ी के आरोपों के दावों को लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार ने गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष जवाब पेश किया है।
राज्य सरकार की ओर से पेश किए जवाब में यह बताया गया है कि इस पूरे प्रकरण में गलती करने वाले तीन अधिकारियों को आरोपपत्र थमाया गया है। सरकार की रिपोर्ट में कहा गया कि तीन अधिकारियों की ओर से सांसद निधि फंड (एमपीलैड्स) के दिशानिर्देशों को नजरंदाज किया गया। इन तीन अधिकारियों में जिला योजना अधिकारी सी. आर. बिराई, डिप्टी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ए डी राठौड़ व डिप्टी एकान्उटेंट हीना पटेल शामिल हैं। इन पर जिम्मेदारी तय कर इनके खिलाफ गत 11 अप्रेल को चार्जशीट किया गया है।
राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि विकास कार्यों के अमलीकरण के लिए लगाई गई निजी एजेंसी के चार बैंक खातों को भी सीज किया गया है। इस एजेंसी से रकम की वसूली के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रभारी मुख्य न्यायाधीश अनंत एस दवे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई 2 मई रखी है।
गत सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। इस विवादित फंड को लेकर अब तक की गई वसूली के बारे में स्पष्टता करने को कहा गया था।
वर्ष 2017 में कांग्रेस विधायक अमित चावड़ा व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसमें यह कहा गया था कि केन्द्रीय मंत्री ईरानी वर्ष 2011 में गुजरात से राज्यसभा सांसद के रूप में निर्वाचित हुईं। उन्होंने आणंद को अपने नोडल जिले के रूप में चुना। इसके बाद सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत उन्होंने आणंद जिले के मधरोल गांव को आदर्श गांव के रूप में दत्तक लिया। याचिका में कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह दावा किया गया कि इस गांव के विकास के लिए ईरानी ने अपनी पसंदीदा एजेंसी रखकर इसके मार्फत सांसद को मिलने वाली वित्तीय रकम के दुरुपयोग किए जाने की बात है।
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