जिले के ध्रोल क्षेत्र में सीपीआई के पद पर कार्यरत के.जे. भोये का कहना है कि लॉक डाउन के अगले दिन काम के चलते पत्नी ध्रोल पहुंच गई और पुत्री वलसाड़ में नानी के घर रह गई। लॉक डाउन के दौरान वे स्वयं पुत्री से दूर रहकर लोकसेवा के कार्य में जुटे हैं।
मरीन थाने में हैड कांस्टेबल के तौर पर कार्यरत सूर्यराजसिंह जाड़ेजा के अनुसार उनकी पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया है। पिता के फर्ज को छोड़कर वे पुलिसकर्मी के तौर पर अपने अधीन क्षेत्र के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उनका कहना है कि जामनगर के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए परिवार को दूर रखकर फर्ज को प्रथम आदर्श मानकर वे ड्यूटी कर रहे हैं।
जामनगर सी डीविजन थाने के कांस्टेबल रवि शर्मा की पत्नी ने पिछली 1 मार्च को पुत्र को जन्म दिया है। उनके अनुसार वे कोरोना के संकट की परिस्थिति में कत्र्तव्य को प्रधानता देकर फर्ज पर हैं। दो वर्ष पहले भी उनकी पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया था, उस समय भी वे ड्यूटी पर तैनात थे, प्रिमैच्योर डिलीवरी के कारण उस समय उनके नवजात पुत्र की मौत हो गई थी। अब पुन: पुत्र का जन्म होने के साथ ही वे पिता के तौर पर बच्चे को सुरक्षित रखने की भावना रखते हैं। इसी तरह वे एक पुलिसकर्मी के तौर जामनगर के लोगों को भी सुरक्षित रखने की भावना के साथ उन्होंने लोगों को घर में रखने की अपील की है।
जिले के एक हैड कांस्टेबल कल्पेश ठाकरिया का कहना है कि आपदा के समय लोक सेवा का अवसर मिलता है। लोगों की सेवा के लिए उन्होंने खाकी वर्दी पहनी हैै, इसलिए गंभीर संकट के समय लोगों की सेवा कर वे संतुष्ट हैं। उन्होंने किसी भी परिस्थिति में लोगों को घर पर ही रहने की अपील की है। उनका कहना है कि पुलिसकर्मी के तौर पर कानूनी कार्रवाई के अलावा लोगों की मदद करने के लिए भी पुलिस टीम सदैव तत्पर रहती है, लोक रक्षा उनके हृदय में बसी है। इनके अलावा लॉक डाउन के दौरान पुलिसकर्मी प्रत्येक चौराहे, रास्ते पर गश्त व वाहनों की जांच कर लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में जानकारी देकर इससे सचेत व सुरक्षित रहने की सलाह भी दे रहे हैं।