इमरजेंसी 108 एम्बुलेंस की ओर से पिछले वर्षों में होली के इर्दगिर्द हुई। इमरजेंसी केसों में वृद्धि के आधार पर ये आंकड़े पेश किए हैं, जिसमें बताया गया है कि वर्ष 2016 में धुलंडी के दिन इमरजेंसी मामलों में 20.48 फीसदी की वृद्धि हुई थी। वर्ष 2017 में 13.28 फीसदी, वर्ष 2018 में 18.36, वर्ष 2019 में 12.99 प्रतिशत, वर्ष 2020 में 32.64, वर्ष 2021 में 35.03, वर्ष 2022 में 25.15 तथा वर्ष 2023 में 21.75 फीसदी मामले बढ़े थे। इन्हीं आंकड़ों के ट्रेंड को आधार मानकर इस बार धुलंडी के दिन इमरजेंसी केसों में 29.09 फीसदी की वृद्धि की आशंका है। पिछले कुछ महीनों से राज्य में आमदिनों में इमरजेंसी के औसतन 3709 केस सामने आ रहे हैं। इसकी तुलना में यह केस 4788 तक पहुंच सकते हैं।108 के मुख्य ऑपरेटिंग ऑफिसर जशवंत प्रजापति के अनुसार होली के इर्दगिर्द दिनों में सचेत रहने पर आपातकालीन मामलों में कमी की जा सकती है। किसी भी इमरजेंसी में 108 एम्बुलेंस का संपर्क करें।
सबसे अधिक हादसों में 148 फीसदी तक की वृद्धि की आशंका इमरजेंसी 108 एम्बुलेंस सेवा की ओर से आशंका जताई गई है कि इस बार धुलंडी पर सबसे अधिक वाहन बिना के हादसों में 148.31 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है। आमदिनों में राज्य में इस तरह के केस प्रतिदिन 334 आते हैं, जो बढकऱ 879 तक पहुंच सकते हैं, जबकि वाहन हादसों से संबंधित ट्रोमा के आमदिनों के 451 की तुलना में धुंलडी पर यह आंकड़ा 916 तक हो सकता है जो 103 फीसदी अधिक है। इसके अलावा विषाक्त सेवन संबंधी 50 फीसदी, पेट दर्द के 24 फीसदी और हाई फीवर के केसों में 25 फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है।
महिसागर में सबसे अधिक 71 फीसदी इमरजेंसी बढऩे की आशंका राज्य में जिलों के आधार पर देखा जाए तो महीसागर जिले में सबसे अधिक 71 फीसदी मामले बढऩे की आशंका जताई गई है। मोरबी जिले में 70.59, अरवल्ली में 70.45, पंचमहाल में 64 फीसदी, सूरत में 59 फीसदी, राजकोट में 23, अहमदाबाद जिले में 20 तथा वडोदरा में 19.70 फीसदी इमरजेंसी मामले बढऩे की आशंका जताई गई है।