सेवा, शौर्य, पराक्रम और शहादत को लेकर पुलिस को यह निशान प्रदान किया जाता है। यह श्रेष्ठता व गर्व का प्रतीक है। राष्ट्रपति की ओर से यह निशान दिया जाता है। इसके लिएगुजरात पुलिस ने गुजरात सरकार के गृह विभाग की ओर से गत 21 फरवरी को केन्द्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा। इसके बाद गृह मंत्रालय ने सी.आर.पी.एफ., बीएसएफ, सीबीआई, रॉ, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), ओडिशा पुलिस और हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक की समिति गठित की। इस समिति ने गुजरात पुलिस के कार्य, संसाधन, हथियार, महकमे, दक्षता, तकनीक, पराक्रम का मूल्यांकन किया। मूल्यांकन में खरा उतरने पर इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजा गया। वहां से इसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद ७ मार्च २०१९ को गुजरात पुलिस को आधिकारिक सूचना मिली कि राष्ट्रपति ने गुजरात पुलिस को राष्ट्रपति निशान देने की मंजूरी दी है।