Junagadh Plastic cafeteria : प्लास्टिक कचरा से यहां मिलेगा शुद्ध खाना और बेहतरीन देशी फलों के शरबत
जूनागढ़. जूनागढ़ जिला प्रशासन ने प्लास्टिक मुक्त जूनागढ़ के लिए अभिनव प्रयोग शुरू किया है। शहर के प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह संचालित प्लास्टिक कैफे की शुरुआत की जाएगी। राज्यपाल आचार्य देवव्रत गुरुवार को जूनागढ़ के आजाद चौक में प्राकृतिक प्लास्टिक कैफे की शुरुआत कराएंगे। इसमें जूनागढ़वासी प्राकृतिक भोजन, नाश्ता और शरबत आदि का आनंद ले सकेंगे। यह देश का ऐसा पहला प्लास्टिक कैफे होगा, जहां प्लास्टिक जमा कराने से प्राकृतिक फूड और शरबत मिलेंगे।
प्लास्टिक के दुष्परिणाम के बारे में बताते हुए जूनागढ़ जिला कलक्टर रचित राज ने बताया कि प्लास्टिक के एक बोतल को डी कम्पोज होने में 400 साल लगते हैं। भारत में रोजाना 10376 टन प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है। हर साल 500 बिलियन प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल होता है। वर्ष 2050 तक समुद्र में मछलियों से अधिक प्लास्टिक देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जूनागढवासियों से पर्यावरण संरक्षण, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक आहार की ओर बढऩे और प्लास्टिक के इस्तेमाल बंद करने की अपील की गई है। इस तरह हम पर्यावरण समेत देश की सेवा कर सकते हैं।
प्राकृतिक प्लास्टिक कैफे के बारे में उन्होंने बताया कि प्राकृतिक प्लास्टिक कैफे में लोग प्राकृतिक भोजन-नाश्ते का लुत्फ उठा सकते हैं। इस कैफे में प्लास्टिक के प्रदूषण को दूर करने के लिए प्लास्टिक वेस्ट संग्रह किया जाएगा। लोगों को घर बैठे प्राकृतिक भोजन मिल सके, इसके लिए निजी डिलीवरी एजेंसियों के जरिए आर्डर भी किया जा सकता है। इसके अलावा कैशलेश सर्विस को प्रोत्साहित करने के लिए कैशलेश सर्विस दी जाएगी। मिट्टी से बने बर्तन भी यहां बेचे जाएंगे। महिला सशक्तिकरण को प्रधनता देने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इस कैफे का संचालन करेंगी। जानकारी के अनुसार प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट 2021 के अंतर्गत एक जुलाई से देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है।
मेनू में यह होगा खास मेनू में गुजराती काठियावाडी थाली और बैंगन की सब्जी (रींगणा नो ओलोद्ध), बाजरे की रोटी सहित विभिन्न व्यंजन शामिल होंगे। यह सभी स्वादिष्ट भोजन प्लास्टिक कचरा के बदले परोसे जाएंगे। इस रेस्टोरेंट का बिल लोगों को प्लास्टिक कचरा देकर चुकाना होगा। इस कैफे की खासियत होगी कि हम अपने घरों के बेकार प्लास्टिक को रुपए के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे। दूसरी ओर पेय और खाद्य पदार्थ की कंपनियां सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प खोज रही हैं तो जूनागढ़ प्रशासन ने 30 जून से प्लास्टिक के बदले स्वादिष्ट व्यंजन का रेस्तरां का विकल्प उपलब्ध कराया है।
500 ग्राम प्लास्टिक वेस्ट में नींबू का शरबत शुरुआत में 500 ग्राम प्लास्टिक कचरा के बदले एक ग्लास नींबू या सौंफ का शरबत दिया जाएगा। इसके अलावा एक किलो प्लास्टिक कचरा पर एक प्लेट ढोकला या पौआ दिया जाएगा। जितना अधिक प्लास्टिक कचरा होगा, उतनी बड़ी थाली परोसी जाएगी। इसके अलावा नागरवेल के पत्ते, गुलाब, अंजीर और बेल के फल से बने स्वास्थ्यप्रद पेय उपलब्ध रहेगा। तमाम पेय मिट्टी के बर्तन में दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने एक निजी एजेंसी को हायर किया है, जो प्लास्टिक कचरा की खरीद करेगी।
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