यह बात खुद हार्दिक पटेल ने उनसे कही थी। राहुल के साथ भी हार्दिक की ताज होटल में ४८ मिनट तक मुलाकात होने का दावा करते हुए बांभणिया ने कहा कि इसमें क्या बात हुई इसका खुलासा हार्दिक को करना चाहिए। आखिरकार बंद दरवाजे में बातचीत करने का क्या मतलब है। यह बात मुलाकात के दूसरे दिन कोर कमेटी की बैठक बुलाकर खुद हार्दिक की ओर से कही गई और कोर कमेटी से हार्दिक ने इसके लिए माफी भी मांगी होने का दावा बांभणिया ने किया। बांभणिया ने कहा कि यदि हार्दिक पटेल सबूत मांगेगे तो वह जरूर देंगे।
बांभणिया ने हार्दिक पटेल व अन्य साथियों पर आंदोलन के लिए मिले ८१ लाख रुपए के दान को 14 शहीद पाटीदारों के परिजनों को अब तक नहीं देने का भी आरोप लगाया है।
बांभणिया ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि एनसीपी की ओर से यह 81 लाख रुपए का दान बोटाद में सभा करने के लिए दिया गया था, लेकिन कार्यक्रम नहीं हुआ, जिससे यह रुपए वापस मांगे गए थे, लेकिन यह रुपए वापस एनसीपी को नहीं दिए। कोर कमेटी में तय हुआ था कि यह राशि शहीद हुए 14 पाटीदारों के परिजनों को छह महीने में दी जाएगी, लेकिन अब तक नहीं दी गई। इस राशि के बारे में हार्दिक पटेल व दिलीप साबवा दोनों ही जानते हैं। ना ही इसका हिसाब दिया।
भाजपा-कांग्रेस दोनों ने किया अन्याय
बांभणिया ने आरोप लगाया कि भाजपा ने तो पाटीदारो के साथ अन्याय व उन पर अत्याचार किया ही है लेकिन कांग्रेस भी पाटीदारों को आरक्षण देने के मामले में उनसे खिलवाड़ कर रही है। उनका वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल करना चाह रही है, क्योंकि वह ओबीसी कोटे में पाटीदारों को आरक्षण देने की बात नहीं बोल रही जिस पर ही हकीकत में सहमति बनी थी। उन्होंने राहुल गांधी की ओर से चुनाव के दौरान कई बार गुजरात आने के बावजूद पाटीदार शहीदों के परिजनों की मुलाकात नहीं लेने पर भी निशाना साधा।