2020 में ठप रहा काम, 2021 में मिले 25 फीसदी ऑर्डर
2020 में कोरोना महामारी के चलते गुजरात सरकार ने नवरात्रि के दौरान गरबे, रामलीला और दशहरे पर रावण दहन के कार्यक्रम रोक लगा दी थी, इसके चलते रावण के पुतले बनाकर रोजी-रोटी कमाने वालों का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा था। कारीगरों को घर बैठना पड़ा था। कई कारीगरों ने पेंटिंग, लाइटिंग, आतिशबाजी का काम करके गुजर बसर की थी। 2021 में थोड़ा माहौल अच्छा होने के चलते और सरकार की ओर से पाबंदियों के बीच गरबा, रावण दहन की मंजूरी दी थी, जिसे देखते हुए 25 फीसदी ऑर्डर मिले थे। वह भी छोटे पुतलों के।
गुजरात में नवरात्रि के दौरान गरबों की धूम तो रहती ही है नागरवेल और खोखरा इलाके में रामलीला का भी मंचन किया जाता है। दशहरे के दिन विजयादशमी को जरूर ज्यादातर जगहों पर हर्षोल्लास से मनाया जाता है। ऐसे में इस साल भी दशहरा अच्छी तरह से मनाया जाएगा। सबसे ऊंचा रावण का पुतला अचेर डिपो के पास जलाया जाएगा। खानवाड़ी में अचेर के लिए 60 फीट ऊंचा पुतला तैयार किया गया है। इसके बाद नागरवेल हनुमान मंदिर के समीप और खोखरा रेलवे कोलोनी में करीब 40-40 फीट ऊंचे रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा। भव्य आतिशबाजी के बीच विजयादशमी महोत्सव मनाया जाएगा।
अहमदाबाद में इस साल भी भाडज स्थित हरेकृष्ण मंदिर में विजयादशमी के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के तीन पुतलों को दहन होगा। यहां उससे पहले रामलीला का मंचन भी किया जाएगा। रामदरबार सजाया जाएगा। अहमदाबाद के इस्कॉन मंदिर में भी और महेमदाबाद में एक जगह रावण दहन का कार्यक्रम किया जाएगा। इन सबके पुतले खानवाड़ी में तैयार कर लिए गए हैं।