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अहमदाबाद

दो साल बाद पटरी पर लौटा कामकाज, रावण के पुतले बनाने वालों के खिले चेहरे

Ravan Putla Making work back on track after Covid अहमदाबाद, जामनगर, राजकोट, वडोदरा में बनाए, आगरा से बुलाए 20-25 कारीगर, एक महीने से कर रहे हैं तैयार
 

अहमदाबादOct 03, 2022 / 10:29 pm

nagendra singh rathore

दो साल बाद पटरी पर लौटा कामकाज, रावण के पुतले बनाने वालों के खिले चेहरे

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नगेन्द्र सिंह

Ahmedabad. नवरात्रि महोत्सव का समापन होने वाला है और लोग अब दशहरा की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना महामारी के चलते दो साल तक प्रभावित रहा रावण के पुतले बनाने का कामकाज इस साल काफी हद तक पटरी पर लौटा है। लेकिन फिर भी पहले जैसी बात नहीं है। अहमदाबाद, जामनगर, राजकोट, वडोदरा, भावनगर, दाहोद से रावण, कुंभकर्म, मेघनाथ के करीब 40-45 पुतले बनाने के ऑर्डर मिले हैं। लेकिन आणंद, धर्मज, द्वारका, नडियाद और खंभात से इस साल भी ऑर्डर नहीं मिल पाए।
अहमदाबाद शहर के रामोल इलाके में खानवाड़ी में ढाई दशकों से रावण के पुतलों को बनाने वाले कारीगर परिवार के तोसिन खान ने बताया कि इस साल कोरोना संक्रमण काबू में है जिससे काफी हद तक गुजरात में मिलने वाले रावण के पुतले बनाने के ऑर्डर उन्हें मिले हैं, लेकिन कई इस साल भी नहीं मिल पाए। फिर कामकाज काफी हद तक पटरी पर आया है। इस साल राज्य में 40-45 के करीब पुतले बनाने का ऑर्डर मिला है। ज्यादातर तैयार कर लिए हैं। सिर्फ अहमदाबाद शहर के पुतलों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस साल ऑर्डर मिलने से 20-25 कारीगरों को बुलाया गया था, जो बीते एक महीने से कामकाज में जुटे हैं।

 

दो साल बाद पटरी पर लौटा कामकाज, रावण के पुतले बनाने वालों के खिले चेहरे
2020 में ठप रहा काम, 2021 में मिले 25 फीसदी ऑर्डर
2020 में कोरोना महामारी के चलते गुजरात सरकार ने नवरात्रि के दौरान गरबे, रामलीला और दशहरे पर रावण दहन के कार्यक्रम रोक लगा दी थी, इसके चलते रावण के पुतले बनाकर रोजी-रोटी कमाने वालों का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा था। कारीगरों को घर बैठना पड़ा था। कई कारीगरों ने पेंटिंग, लाइटिंग, आतिशबाजी का काम करके गुजर बसर की थी। 2021 में थोड़ा माहौल अच्छा होने के चलते और सरकार की ओर से पाबंदियों के बीच गरबा, रावण दहन की मंजूरी दी थी, जिसे देखते हुए 25 फीसदी ऑर्डर मिले थे। वह भी छोटे पुतलों के।
अहमदाबाद में अचेर में जलेगा सबसे ऊंचा दशानन का पुतला
गुजरात में नवरात्रि के दौरान गरबों की धूम तो रहती ही है नागरवेल और खोखरा इलाके में रामलीला का भी मंचन किया जाता है। दशहरे के दिन विजयादशमी को जरूर ज्यादातर जगहों पर हर्षोल्लास से मनाया जाता है। ऐसे में इस साल भी दशहरा अच्छी तरह से मनाया जाएगा। सबसे ऊंचा रावण का पुतला अचेर डिपो के पास जलाया जाएगा। खानवाड़ी में अचेर के लिए 60 फीट ऊंचा पुतला तैयार किया गया है। इसके बाद नागरवेल हनुमान मंदिर के समीप और खोखरा रेलवे कोलोनी में करीब 40-40 फीट ऊंचे रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा। भव्य आतिशबाजी के बीच विजयादशमी महोत्सव मनाया जाएगा।
दो साल बाद पटरी पर लौटा कामकाज, रावण के पुतले बनाने वालों के खिले चेहरे
हरेकृष्ण व इस्कॉन मंदिर पर दशहरा के दिन होगा रावणदहन
अहमदाबाद में इस साल भी भाडज स्थित हरेकृष्ण मंदिर में विजयादशमी के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के तीन पुतलों को दहन होगा। यहां उससे पहले रामलीला का मंचन भी किया जाएगा। रामदरबार सजाया जाएगा। अहमदाबाद के इस्कॉन मंदिर में भी और महेमदाबाद में एक जगह रावण दहन का कार्यक्रम किया जाएगा। इन सबके पुतले खानवाड़ी में तैयार कर लिए गए हैं।

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