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अहमदाबाद

रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में चार गिरफ्तार

remdesivir injection, Ahmedabad, Corona, black marketing, Gujarat, Crime branch सात रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त, जाल बिछाकर पकड़ा, पकड़े गए आरोपियों में तीन निजी कोविड हॉस्पिटल के कर्मचारी

अहमदाबादMay 07, 2021 / 10:29 pm

nagendra singh rathore

रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में चार गिरफ्तार

रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में चार गिरफ्तार

अहमदाबाद. कोरोना महामारी के इस दौर में गंभीर मरीजों के लिए जीवनदायी साबित हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के एक और मामले का क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है। जाल बिछाकर चार आरोपियों को पकड़ा है। उनके पास से सात रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किए हैं। पकड़े गए आरोपियों में तीन तो निजी कोविड अस्पताल के कर्मचारी हैं।
पकड़े गए आरोपियों में मूलरूप से जूनागढ़ विरपुर गांव हाल रामोल सीटीएम गायत्री हॉस्पिटल स्टाफ रूम में रहने वाला फयाज सीडा (२८), घोडासर स्वामीनारायण सोसायटी निवासी कुसुम श्रीवास्तव (२०), हाटकेश्वर राधाकृष्णनगर विभाग एक सोसायटी निवासी आशीष क्रिश्चियन (२०) और मूलरूप से राजस्थान के डूंगरपुर जिले की गलियाकोट तहसील के गलाजश राजपुर गांव निवासी हाल घोडासर स्मृति मंदिर सार्थक हॉस्पिटल निवासी भरत बुच (मीणा) (24) शामिल हैं।
क्राइम ब्रांच के पीआई पी बी देसाई ने संवाददाताओं को बताया कि सूचना मिली थी कि एक फयाज सीडा नाम का युवक ऊंची कीमत पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री कर रहा है। जिसके आधार पर जाल बिछाकर डमी ग्राहक बन उससे संपर्क किया। उसने एक इंजेक्शन के २७ हजार रुपए मांगे डिलिवरी के लिए हाटकेश्वर चार रास्ता बुलाया, जहां फयाज तीन इंजेक्शन के साथ आया जिस पर उसे पकड़ लिया।
उसकी पूछताछ में सामने आया कि उसने यह इंजेक्शन घोडासर स्मृति मंदिर के समीप स्थित सार्थक हॉस्पिटल में काम करने वाली कुसुम और आशीष के पास से खरीदे हैं। जिसके आधार पर सार्थक हॉस्पिटल में जांच करने पर कुसुम मौके पर मिल गई। उसे हिरासत में लेकर की गई पूछताछ में उसने कबूला कि उसने यह इंजेक्शन साथ काम करने वाले आशीष के साथ मिलकर हॉस्पिटल से ही लिए हैं। फयाज को ३६ हजार रुपए में बेचे हैं। कुसुम इस अस्पताल में स्टाफ नर्स है। आशीष भी साथ में काम करता है। आशीष के घर दबिश देने पर वहां चार और रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले। जिसके बारे में आशीष ने बताया कि यह इंजेक्शन उसे उसी के हॉस्पिटल के सीनियर स्टाफ भरत बुच ने बेचने को दिए हैं। जिसके आधार पर भरत बुच को भी क्राइम ब्रांच ने हिरासत में ले लिया। आरोपियों ने अब तक कितने इंजेक्शन और किसे किसे बेचे हैं उसकी जांच की जा रही है।
कोरोना मरीज को न देकर बचा लेते थे इंजेक्शन!
पूछताछ में सामने आया कि घोडासर की सार्थक हॉस्पिटल को इन दिनों कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है। यहां भर्ती कोरोना मरीजों को चिकित्सक रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के लिए लिखते थे,लेकिन आरोपी अस्पताल में नर्स एवं सीनियर स्टाफ हैं, जिससे ये मरीजों को इंजेक्शन ही नहीं लगाते थे। उसे बचा लेते थे, ताकि उसे ऊंची कीमत पर बेच सकें। आरोपी ऐसे मरीजों को इंजेक्शन नहीं लगाते थे जिनकी तबियत ठीक होती थी। उसके नाम का इंजेक्शन बचाकर खुद अपने पास रख लेते और फिर उसे ऊंचे दाम पर बेचते थे।

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