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अहमदाबाद

बच्चों को परिजनों से मिलाकर लाए चेहरे पर मुस्कान

आरपीएफ-राजकोट मंडल को को दो वर्षों में मिले 59 बच्चे

अहमदाबादMay 05, 2019 / 09:48 pm

Pushpendra Rajput

RPF-Rajkot

बच्चों को परिजनों से मिलाकर लाए चेहरे पर मुस्कान

राजकोट. रेलवे सुरक्षा बल ने उन बच्चों और परिजनों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश की। ऐसे बच्चे थे, जो माता-पिता की पिटाई, आर्थिक तंग हालात और पढ़ाई के डर से घर से भागकर ट्रेन में बैठकर राजकोट मंडल के अलग-अलग स्टेशनों पर मिले।
रेलवे सुरक्षा बल-राजकोट मंडल को वर्ष 2017 में 34 बच्चे स्टेशन, ट्रेन और रेल परिसर में मिले थे। इन बच्चों में 21 बालक और 16 बालिकाएं थीं। आरपीएफ ने फोन के जरिए कई बच्चों के परिजनों से संपर्क किया और बाद में उनको परिजनों को सौंप दिया। वहीं कई ऐसे बच्चे थे, जिनके परिजनों का संपर्क नहीं हो पाया उनको बच्चों के हित में काम करने वाली संस्था चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। वहीं वर्ष 2018 में 25 बच्चे मिले, जिसमें 17 बालक और आठ बालिकाएं थीं।
राजकोट मंडल के मंडल सुरक्षा आयुक्त मिथुन सोनी के अनुसार स्टेशन, परिसरों या ट्रेनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जो बच्चे स्टेशन या ट्रेनों में मिलते हैं उनके परिजनों से संपर्क किया जाता है। यदि जिन बच्चों के परिजनों से संपर्क नहीं हो पाता उनको पुनर्वास के लिए चाइल्ड लाइन को सौंप दिया जाता है। उन्होंने बताया कि राजकोट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पूजित रूपाणी मेमोरियल ट्रस्ट-राजकोट की ओर से एक चाइल्ड हेल्प डेस्क प्रारंभ की गई है, जहां बच्चों के पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महानिरीक्षक ए.के. सिंह के दिशा-निर्देश पर वर्ष 2018-19 तक रेलवे अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाए गए, जिसमें राजकोट मंडल की ओर से 8936 लोगों पकड़ा गया। इन लोगों से एक लाख 20 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया।

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