Senior Congress MLA Mohan singh rathva resigns, joins BJP गुजरात विधानसभा चुनाव, रह चुके थे नेता प्रतिपक्ष, सिर्फ एक बार हारे
अहमदाबाद•Nov 08, 2022 / 10:59 pm•
nagendra singh rathore
कांग्रेस को बड़ा झटका, 10 बार के विधायक मोहन राठवा ने दिया इस्तीफा, भाजपा में हुए शामिल
Ahmedabad. गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठतम विधायक मोहन सिंह राठवा (78) ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। 10 बार विधायक चुने गए पूर्व नेता प्रतिपक्ष इस्तीफा देने के चंद घंटों बाद ही वे अपने दोनों पुत्रों और समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा मीडिया सेंटर में पूर्व मंत्री दिलीप संघाणी, भाजपा के प्रदेश महामंत्री भार्गव भट्ट व प्रदीप सिंह वाघेला ने केसरिया टोपी और खेस पहनाकर राठवा को भाजपा में शामिल किया।
छोटा उदेपुर जिले के आदिवासी नेता राठवा पिछले काफी दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे थे। 1972 में 28 वर्ष की उम्र में पहली बार गुजरात विधानसभा में पहुंचने वाले राठवा 10 बार विधायक चुने गए। उन्हें वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक बार हार का सामना करना पड़ा था। अपने गांव बार के सरपंच से कैबिनेट मंत्री तक का सफर तय करने वाले राठवा का जन्म 1944 में हुआ था। वे 26 जुलाई 2017 से 20 दिसंबर 2017 तक नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। उनका जाना कांग्रेस के लिए काफी बड़ा झटका माना जा रहा है, वहीं भाजपा के लिए यह काफी फायदेमंद हो सकता है।
नहीं लडऩा चाहते चुनाव
भाजपा में शामिल होने के बाद राठवा ने कहा कि मुझे टिकट नहीं चाहिए। काफी उम्रदराज हो जाने के चलते वे चुनाव नहीं लडऩा चाहते हैं। लेकिन भाजपा सूत्रों का कहना है कि राठवा ने उनकी परंपरागत छोटा उदेपुर सीट के लिए उनके पुत्र राजेन्द्र सिंह राठवा के लिए भाजपा से टिकट की मांग की है जो पिछले कुछ समय से राजनीति में सक्रिय है।
आदिवासी सीटों पर भाजपा की नजर
राठवा की छोटा उदेपुर जिले के आदिवासियों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है। छोटाउदेपुर जिले की तीन सीटों-छोटाउदेपुर, पावीजेतपुर और संखेड़ा में कांग्रेस के वोटों में सेंध लगाने में वे भाजपा के लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं। आदिवासी सीटों पर भाजपा की नजर है। इस बार भाजपा ने पूरा जोर लगाया हुआ है।
मोदी के विकास कार्यों पर विश्वास: राठवा
राठवा ने कहा कि समय बलवान है। वे मौजूदा समय और परिस्थिति को देखते हुए भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा में आने का मौका दिलीप संघाणी के कारण मिला है। उनकी शुरूआत से ही इच्छा थी कि वे अपने इलाके में विकास के कार्यों को बेहतर तरीके से कराएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी समाज के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं उन योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन कराकर उसका लाभ आदिवासी जनता को दिलाने के उद्देश्य से वे भाजपा में शामिल हुए हैं।
कांग्रेस से कोई शिकायत नहीं
राठवा ने कहा कि कांग्रेस से उन्हें कोई शिकायत नहीं है। न ही किसी नेता ने उनका विरोध किया है। वे इतने सालों तक कांग्रेस में रहे हैं। कांग्रेस ने टिकट देने से भी इनकार नहीं किया। उससे पहले ही उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि अब वे युवाओं को मौका देना चाहते हैं।