इन प्लांट के लगाए जाने से रेलवे को लाखों रुपए की बिजली की बचत होती है। भारतीय रेलवे को अपनी सभी ऊर्जा ज़रूरतों के लिए पूर्णत: आत्मनिर्भर बनने और सौर ऊर्जा लक्ष्य में योगदान देने के लिए पश्चिम रेलवे ने अपने 75 स्टेशनों को अब तक सौर ऊर्जा प्लांट लगाए हैं।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे के 75 स्टेशनों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं। 8.67 एमडब्ल्यूपी क्षमता वाले रूफटॉप सोलर प्लांट अलग-अलग रेलवे स्टेशनों और कार्यालय भवनों पर लगाए गए हैं। इन प्लांट्स को ग्रिड से कनेक्ट कर शुरू किया गया है। इसके चलते वित्त वर्ष के दौरान 3 करोड़ रु. की बचत हुई है।
ठाकुर ने बताया कि मुंबई मंडल के 22 स्टेशनों, रतलाम के मंडल के 34 स्टेशनों, वडोदरा मंडल के छह स्टेशनों और राजकोट मंडल के 8 स्टेशनों पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाए गए हैं। अहमदाबाद मंडल पर साबरमती और आम्बली स्टेशनों के अलावा अहमदाबाद स्टेशन भवन पर सोलर प्लांट स्थापित किया गया है। भावनगर मंडल के भावनगर और सोमनाथ स्टेशनों पर भी सोलर प्लांट लगाये गये हैं। वडोदरा मंडल में वड़ोदरा, ओड, मकरपुरा, वरनारना, साधनपुरा स्टेशन भवनों तथा गोधरा स्टेशन भवन और प्लेटफार्म पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं। राजकोट मंडल में राजकोट, ओखा, जामनगर, चामराज, लखमाची, मोदपुर, लखबावल और पिपली स्टेशनों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं।
रेलवे जमीन में लगेंगे सौर ऊर्जा प्लांट रेलवे ने अपनी खाली जमीन का उपयोग कर वर्ष 2030 तक 20 जी डब्ल्यू क्षमता वाले सोलर प्लांट लगाने की मेगा योजना तैयार की है। भारतीय रेल के पास लगभग 51,000 हेक्टेयर ज़मीन है और वह अपनी खाली पड़ी अतिक्रमणमुक्त ज़मीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए डवलपर्स को हर प्रकार से मदद करने के लिए तैयार हैं। वर्ष 2030 तक पूर्णत: विद्युतीकरण हासिल करने के लिए भी रेलवे तैयार है और अपनी कर्षण शक्ति सम्बंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने तथा परिवहन की हरित विधा बनने के लिए प्रतिबद्ध है।