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अहमदाबाद

पर्दे के पीछे रहने वाले चिकित्सकों के महत्व को कोरोना ने समझाया

पर्दे के पीछे रहने वाले चिकित्सकों के महत्व को कोरोना ने समझाया
एनेस्थेसिया दिवस पर विशेष

अहमदाबादOct 15, 2021 / 10:08 pm

Omprakash Sharma

पर्दे के पीछे रहने वाले चिकित्सकों के महत्व को कोरोना ने समझाया

पर्दे के पीछे रहने वाले चिकित्सकों के महत्व को कोरोना ने समझाया

अहमदाबाद. अस्पतालों में पर्दे के पीछे रहकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एनेस्थिसियोलॉजिस्ट चिकित्सक के कार्य की अहमियत शायद सभी लोग नहीं जानते हैं। लेकिन कोरोना काल ने इस क्षेत्र के चिकित्सकों की भूमिका को भलिभांति महसूस कर दिया है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए इसी विभाग के चिकित्सकों ने ज्यादा संभाला।
अस्पतालों में ऑपरेशन की बात हो या फिर गंभीर मामलों में उपचार की जरूरत हो, सभी में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की भूमिका अहम होती है। कोरोना काल से पहले इन चिकित्सकों को इतनी तबज्जो नहीं दी जाती थी। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में कोरोना के बड़ी संख्या में आईसीयू में भर्ती कोविड मरीजों को संभालने वाले चिकित्सकों में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की अहम भूमिका रही। जिसे आम आदमी ने महसूस भी किया। वायल डॉक्टर या फिर बेहोश करने वाले चिकित्सक के रूप में इन चिकित्सकों को लोग पहचानते हैं लेकिन इनका काम अहम है।
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल कैंपस स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिज एंड रिचर्स सेंटर (आईकेडीआरसी) की एनेस्थिसियोलॉजी विभागाध्यक्षडॉ. गीता पारिख ने बताया कि कोरोना काल में पूरे देश में ऑक्सीजन की किल्लत थी। उस दौरान ऑक्सीजन के स्तर में उतार चढ़ाव से निपटने के लिए मास्क, बाय पेप या मरीजों को वेंटिलटर पर रखने में भी इस विभाग के चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कोरोना काल में 90 फीसदी मरीजों का उपचार मास्क के माध्यम से सामान्य रूप से ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया।
कुशलता पर नहीं दिया जाता ध्यान
डॉ. गीता पारिख ने बताया कि अनियंत्रित मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधित समस्याएं और मोटापे जैसी समस्याओं के साथ मरीज उपचार के लिए आता है तो एनोस्थिसियोलॉजिस्ट के लिए बड़ी चुनौती हो जाती है। ऐसे मरीजों के ऑपरेशन के दौरान काफी ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस विभाग के चिकित्सकों पर मरीज और उनके परिजनों का ध्यान नहीं जाता है क्योंकि यह चिकित्सक पर्दे के पीछे रहकर अपना महत्वपूर्ण काम करते हैं।
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एनेस्थिसियोलॉजिस्ट प्री- और पोस्ट-ऑपरेटिव मरीजों के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन कोविड काल में उनके सराहनीय कार्य को नोट किया गया है। कोरोना को नियंत्रण करने में भी इस विभाग की भूमिका अहम साबित हुई। पर्दे के पीछे का काम भी यह सराहनीय है।
डॉ. विनीत मिश्रा, निदेशक आईकेडीआरसी

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