गिर जंगलों में ड्रोन से निगरानी, सीसीटीवी कैमरा मुख्यमंत्री ने बताया कि कहा कि गिर के जंगलों में ड्रोन सर्वेलेंस, सीसीटीवी नेटवर्क के मार्फत शेर व अन्य पशुओं की रात्रि गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी। गिर में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की तर्ज पर ई-आई प्रोजेक्ट के तहत रात्रि के समय भी पशु-प्राणियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सेंसेटिव कैमरा लगाने की सूचना वन विभाग को दी गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि शेरों के दीर्घकालीन संरक्षण व संवद्र्धन के लिए राज्य सरकार ने 351 करोड़ रुपए की योजना है। इसके तहत पिंजड़े, ड्रोन, सीसीटीवी निगरानी, स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत सुविधाएं व अन्य उपकरण के लिए तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है।
शेरों के लिए एंबुलेंस हाल ही में वन्य प्राणियों में देखे गए रोगों को लेकर सर्तकता के तहत व तत्काल उपचार के लिए भविष्य में समय-समय पर एनिमल हेल्थ सर्वेलेन्स के साथ-साथ शेरों के लिए एंबुलेंस व 24 घंटे हेल्पाइन का निर्देश दिया गया है।
गैरकानूनी लायन शो करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए वन विभाग और पुलिस को संयुक्त रूप से सतर्क रहने को कहा गया है। वन्यप्राणियों के उपचार के लिए वेटरनरी कैडर बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लुप्त हो रहे वन्य प्राणी-पक्षी प्रजातियों को धोराड व खडमोर के लिए विशेष ब्रिडिंग सेन्टर स्थापित किए जाएंगे। इस बैठक में वन मंत्री गणपत वसावा, वन राज्य मंत्री रमणलाल पाटकर, बोर्ड के विधायक सदस्य, मुख्य सचिव डॉ. जे. एन. सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजीव कुमार गुप्ता व वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।