scriptलिवर से जुड़ी बीमारियों से संभलने की जरूरत, बदलती जीवन शैली प्रमुख कारण, वयस्कों में से हर दूसरा फैटी लिवर से ग्रस्त | There is a need to be careful about liver related diseases, changing lifestyle is the main reason, every second adult suffers from fatty liver | Patrika News
अहमदाबाद

लिवर से जुड़ी बीमारियों से संभलने की जरूरत, बदलती जीवन शैली प्रमुख कारण, वयस्कों में से हर दूसरा फैटी लिवर से ग्रस्त

world liver day, Dr. Shravan Bohara

अहमदाबादApr 18, 2024 / 11:26 pm

Omprakash Sharma

देश में लिवर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। बदलती जीवन शैली की वजह से युवाओं में फैटी लिवर बीमारी की पनपने की क्षमता भी बढ़ी है। यदि 100 वयस्क लोगों की सोनोग्राफी करवाई जाती है तो उनमें से 25 फीसदी लोगों को फैटी लिवर की समस्या निकलती है। इसका मतलब है कि हर चौथे व्यक्ति को यह समस्या है जो बेहद चिंता का विषय है। फैटी लिवर ऐसी समस्या है जिससे आगामी समय में लिवर का सिकुड़ना शुरू हो जाता है, जो बाद में लिवर सिरोसिस जैसी खतरनाक बीमारी में परिवर्तित हो सकता है। लिवर सिरोसिस से कुछ मरीजों में लिवर कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है जो जानलेवा हो सकता है। मोटापे से ग्रस्त हर दूसरा व्यक्ति फैटी लिवर का शिकार है। जबकि मधुमेह के मरीजों में यह 25 फीसदी तक है। अब तो हालत यह हो गई है कि स्कूली बच्चों में भी फैटी लिवर की समस्या देखी जा रही है। इसकी जांच सोनोग्राफी से की जा सकती है। लिवर की सूजन आदि की जांच रक्त के नमूनों से भी हो सकती है। रोगों ने यदि लिवर को जकड़ लिया है तो इसके आमतौर पर लक्षणों में भूख नहीं लगना, थकान, वजन कम होना, उल्टी होना, पीलिया हो जाना, पैरों पर लगातार सूजन रहना, उल्टी में खून जाना, हल्का बुखार होना, नींद बहुत आना या बिल्कुल कम आना आदि हो सकते हैं।

लिवर कैंसर, लिवर रोगों से 2 लाख लोगों की मौत

भारत में प्रति वर्ष लिवर रोगों व लिवर कैंसर से लगभग दो लाख लोगों की मौत हो जाती है। देश में हर वर्ष 30 से 35 हजार लोगों को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है लेकिन मुश्किल से लगभग दो हजार ही ट्रांसप्लांट हो पाते हैं।

महामारी से कम नहीं

फैटी लीवर व लीवर की सूजन का रोग युवा पीढ़ी में एक महामारी के रूप में सामने आ रहा है। यदि लोगों ने सेहत का ध्यान नहीं रखा तो यह महामारी और भी गंभीर हो सकती है। आज के समय में मोटापा की समस्या आम हो कही है। इनमें से अधिकांश की जीवनशैली भी आरामदायक है। मोटापे के साथ-साथ मधुमेह का रोग भी हो तो लिवर रोगों का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे लोगों में लिवर की सूजन के बाद लिवर सिरोसिस हो सकता है जो एक तरह से लाइलाज जैसी बीमारी है।शरीर का महत्वपूर्ण अंग जिसे संभालने की जरूरतलिवर पाचन तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। दुर्भाग्य से बदलती जीवन शैली से लीवर संबंधित रोगों में बहुत वृद्धि हो रही है। आज जंक फूड का अधिक सेवन हो रहा है जो मोटापा के साथ-साथ इस समस्या को भी बढ़ावा देता है। मधुमेह और हेपेटाइटिस का भी खतरा ज्यादा बढ़ता है।

लिवर को स्वस्थ रखने को ये जरूरी

मोटापे पर नियंत्रण के लिए टहलना व व्यायाम करना जरूरी है। हमेशा संतुलित आहार, सब्जियां और फलों का सेवन करना लाभदायी है। बच्चों को हेपेटाइटिस के वायरस से बचाने का टीका जरूर लगवाना चाहिए।
डॉ. श्रवण बोहरा, लिवर रोग विशेषज्ञ, अहमदाबाद

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