समिति ने राज्य के बंदरगाहों की ढांचागत सुविधाओं के लिए भी नीति बनाने का सुझाव दिया है। इसके अंतर्गत बंदरगाहों के रिन्युअल-कंसेशन की 60 वर्ष तक की नीति, मौजूदा और कैप्टिव बंदरगाहों का पूर्ण उपयोग करने की नीति, मौजूदा बंदरगाहों के निकट बड़े औद्योगिक पार्क विकसित करने और गुजरात मेरिटाइम बोर्ड के कार्यों को डिजिटाइज करने जैसे सुझाव दिए हैं।
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं के केंद्र गांधीनगर स्थित गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में बुलियन एक्सचेंज, स्पेशल यूनिवर्सिटी, इंटरनेशनल आर्बिटरी सेंटर, निफ्टी फ्यूचर ट्रेडिंग जैसी सुविधाएं विकसित करना तथा अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) तथा विदेशी लोगों को फॉरेन करेंसी बैंक एकाउंट खोलने की मंजूरी देने जैसे सुझाव भी दिए गए हैं।
समिति ने शहरी विकास विभाग की लगभग 53 सेवाओं को ई-नगर प्लेटफार्म के माध्यम से ऑनलाइन करना, शहरों तथा अंतर जिले में आवागमन के लिए राज्य सड़क परिवहन की बसों में बढ़ोतरी करना तथा उसका निजीकरण करना, संपत्ति कर की जांच के लिए स्व मूल्यांकन (सेल्फ एसेसमेंट) और स्व घोषणा (सेल्फ डेक्लेरेशन) को प्रोत्साहन देना तथा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) योजना के तहत कामगारों तथा जरूरतमंदों लोगों के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं के अनुसार किराए के मकानों की योजना और शहरों में स्थित झोपड़पट्टियों के पुनर्वास की नीति बनाने जैसे सुझाव भी दिए गए हैं।