वडोदरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट सरकार के लिए बना सफेद हाथी
यात्रियों की संख्या हजारों में, फ्लाइट की सुविधा पर्याप्त नहीं
वडोदरा. वडोदरा से देशी व विदेशी हजारों यात्रियों के बावजूद फ्लाइट की संख्या पर्याप्त ना होने से एयरपोर्ट को आवक ना होने के बावजूद यहां करोड़ों रुपए के खर्च से एयरपोर्ट का नया इंटरनेशनल टर्मिनल भवन निर्मित करने के कारण यह एयरपोर्ट सरकार के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है।
इस एयरपोर्ट को वर्ष 2013-14 से 2017-18 के वित्तीय वर्ष सहित पांच वर्षों के दौरान 64.50 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। वडोदरा एयरपोर्ट के निदेशक चरणसिंह के अनुसार घाटे के अनेक कारण हैं और नए इंटरनेशनल टर्मिनल भवन के निर्माण पर खर्च मुख्य कारण है। हालांकि भले ही इसे घाटा माना जाए, लेकिन यह निवेश भी है और संभावना है कि दीर्घकाल में लाभ दिलाएगा लेकिन नए इंटरनेशनल टर्मिनल भवन के निर्माण के कारण आवक के मुकाबले खर्च का उल्लेख करने पर घाटा दिखाई देता है। चरणसिंह के अनुसार इस वर्ष वडोदरा एयरपोर्ट को घाटे से उबारने के सक्रिय प्रयास शुरू किए हैं।
उनके अनुसार एक ओर इस वर्ष से पुराने टर्मिनल भवन के खर्चे कम होंगे, दूसरी ओर नए इंटरनेशनल टर्मिनल भवन की संपत्ति किराए पर देने के कारण किराया प्राप्त होगा। इसके अलावा पुराने टर्मिनल भवन का गार्डन एरिया व आगमन भवन को विवाह सरीखे कार्य के लिए किराए पर देने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा एयरपोर्ट सर्कल पर एयरपोर्ट के स्वामित्व की खाली पड़ी 10 हजार वर्ग फीट जमीन भी प्रदर्शन व अन्य कार्यक्रमों के लिए किराए पर दी जाएगी। फिलहाल सरकार के लिए यह एयरपोर्ट सफेद हाथी यानी खर्च के मुकाबले आय कम होने के कारण नुकसानदायक साबित हो रहा है।
गौरतलब है कि बड़ी संख्या में आवागमन करने वाले यात्रियों के मुकाबले छोटे टर्मिनल भवन वाले वडोदरा एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाने व इंटरनेशनल सेवाएं शुरू करने के लिए नया एकीकृत टर्मिनल भवन निर्मित करने का निर्णय किया गया था। नए टर्मिनल की डिजाइन के लिए अंतरराष्ट्रीय आर्किटेक्चरल डिजाइन स्पद्र्धा का आयोजन किया गया। इसके परिणामस्वरूप यूनाइटेड स्टेट्स के आर्किटेक्ट और भारत के क्रिएटिव ग्रुप को डिजाइन तैयार करने का ठेका दिया गया।
वर्ष 2009 में 26 फरवरी को नए टर्मिनल भवन का शिलान्यास किया गया। मई 2011 में निर्माण कार्य शुरू और अगस्त 2016 में पूरा हुआ। कुल 18 हजार वर्ग मीटर में फैले और प्रतिघंटे 500 घरेलू व 200 अंतरराष्ट्रीय यात्री क्षमता वाले नए टर्मिनल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में 22 अक्टूबर को किया। कुल 160 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह टर्मिनल देश में कोच्चि के बाद दूसरा ग्रीन एयरपोर्ट है।
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