गरीबों और वंचितों के लिए संवेदनशील सरकार
रुपाणी ने कहा कि चाहे कोरोना महामारी हो या फिर तौकते चक्रवात हो जनता की सेवा में प्रशासन ने संवेदनशीलता दिखाई है। सरकार ने पलायन या मुंह नहीं मोड़ा है। मौजूदा सरकार नजरंदाज करने वाली सरकार नहीं बल्कि गरीबों, पीडि़तों और शोषितों के लिए संवेदनशील सरकार है। समाज के कमजोर तबके की सेवा करना ही राज्य सरकार का मंत्र है।
जीवों के लिए भी संवेदनशील
रुपाणी ने कहा कि राज्य सरकार की संवेदनशीलता सिर्फ मनुष्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि जीवों के प्रति भी है। इसके लिए एनीमल एम्बुलेंस, करुणा अभियान, पांजरापोल को कोरोना काल में आर्थिक सहायता देने से कई अहम उठाए है। पांच वर्ष के शासनकाल में जनता को सुशासन दिया है। नरेन्द्र मोदी के विकास, जनभागीदारी और ईमानदारी जैसे पदचिन्ह पर चल रहे है। नौ दिनों तक होने वाले कार्यक्रमों में पांच वर्ष का उत्सव नहीं बल्कि राज्य सरकार का जनसेवा कार्य है।
समाज सुरक्षा विभाग व फाउण्डेशन का एमओयू
मुख्यमंत्री रुपाणी की मौजूदगी में समाज सुरक्षा विभाग और जे.एम. फाइनांसियल फाउण्डेशन के बीच मेमोरेण्डम ऑफ अंडरस्टैण्डिंग हुआ है, जिसमें फाउण्डेशन कोरोना में माता-पिता को खोने वाले प्रत्येक बच्चे की सालाना पचास हजार रुपए शिक्षा शुल्क स्कूलों में जमा कराएगा।
इस मौके पर महापौर डॉ. प्रदीप डव, सांसद मोहन कुंडारिया, मुख्य सचिव अनिल मुकीम, प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, सचिव सुनयना तोमर एवं के.के. निराला, महानगरपालिका आयुक्त अमित अरोरा, अंजली रूपाणी समेत कई गणमान्य मौजूद थे।