scriptकर्मचारियों की तनख्वाह लायक भी नहीं कमा पा रही 10 होटल | 10 hotels are not able to earn even salary to the employees | Patrika News
अजमेर

कर्मचारियों की तनख्वाह लायक भी नहीं कमा पा रही 10 होटल

सफेद हाथी साबित हो रही आरटीडीसी की होटलें : सरकार हर महीने खर्च कर रही वेतन पर 12 लाख रुपए से ज्यादा

अजमेरDec 14, 2021 / 12:31 am

baljeet singh

कर्मचारियों को तनख्वाह लायक भी नहीं कमा पा रही 10 होटल

कर्मचारियों को तनख्वाह लायक भी नहीं कमा पा रही 10 होटल

पर्यटन विभाग के आला अफसरों के कुप्रबंधन का शिकार होती रही आरटीडीसी की होटलें अब इस स्थिति में पहुंच गई हैं कि इन होटलों में नियुक्त कर्मचारियों को महीने भर का वेतन देने लायक भी कमाई नहीं कर पा रही। अभी स्थिति ऐसी है कि आरटीडीसी की 10 होटलों के कर्मचारियों की तनख्वाह पर हर महीने 10 से 12 लाख रुपए खर्च करना सरकार की मजबूरी हो गया है। उधर प्रबंधन भी इन होटलों की स्थिति सुधारने के लिए न कोई रणनीति बना रहा है न ही कोई योजना। वहीं अब निगम के अधीन उन होटलों को ही फायदे में माना जा रहा है जो हर महीने कर्मचारियों को देने लायक वेतन कमा सके। उधर होटलों के ऐसे हालातों पर आरटीडीसी प्र्रबंधन चुप्पी साधे बैठा है।
घाटे से उबारने की कोई कार्ययोजना नहीं
सरकार हर महीने रतनपुर, रणकपुर, झालावाड़ के दोनों होटल, फतेहपुर, दौसा के महुआ मिड-वे समेत 10 होटलों के महीने का खर्चा उठा रही है। लेकिन कर्मचारी कह रहे हैं कि सरकार की यह दरियादिली कब तक चलेगी। प्रबंधन ने आज तक इन होटलों को बेहतर तरीके से चलाने की कोई कोशिश नहीं की उल्टे आनन फानन में आरटीडीसी की सभी होटलों को लीज पर देने की योजना बना दी। इससे घाटे में चल रही होटलें और भी ज्यादा घाटे में चली गई क्योंकि वहां मेहमानों ने आना ही बंद कर दिया।
जो महीने का खर्च निकाले वही फायदे में

आरटीडीसी प्र्रबंधन ने घाटे और फायदे वाले होटलों की सूची तैयार की है। कर्मचारियों का कहना है कि जो होटल महीने का खर्चा, कर्मचारियों को वेतन देने लायक कमाई कर लेते हैं उनको फायदे वाली होटलों की सूची में रखा गया है। ऐसे में आरटीडीसी की वर्तमान में क्रियाशील 30 में से 20 होटलें को ही फायदे में माना है।
लीज पर देने का मामला ठंडे बस्ते में

आरटीडीसी की होटलों को लीज पर देने की कवायद को लेकर आरटीडीसी प्रशासन उदयपुर में हुए कड़वे अनुभव के बाद बैकफुट पर है। लेकिन होटलों की दशा सुधारने को लेकर अफसर ज्यादा गंभीर नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में होटलों के मौजूदा हालातों को देख मेहमान इन होटलों से दूरी ही बना रहे है। क्योंकि सस्ती दरों पर निजी होटलों में उनके लिए बेहतर कमरे मिल रहे हैं।
ऑनलाइन पूरा पेमेंट करो, होटल मैनेजर देगा छूट

आरटीडीसी की सरिस्कार, झूमरबावड़ी, जैसलमेर की मूमल और सम की सेंड ड्यून होटल ऐसी हैं जहां कमरों की बुकिंग ऑनलाइन होती है। अगर कोई सीनियर सिटीजन कमरे की बुकिंग कराता है तो उसे ऑनलाइन पूरा भुगतान करना होगा। उसके लिए श्रेणीवार जितनी छूट किराए में दी गई है उसका रिफंड होटल मैनेजर के द्वारा किया जाता है। इस व्यवस्था से कर्मचारी परेशान हैं।

Home / Ajmer / कर्मचारियों की तनख्वाह लायक भी नहीं कमा पा रही 10 होटल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो