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अजमेर

सौ साल का हो गया अजमेर जिले का बिजयनगर शहर

मसूदा रियासत के 17वें शासक राव बहादुर विजयसिंह ने की थी बिजयनगर की स्थापना, नगर पालिका व आमजन मना रहे शताब्दी समारोह, खेलकूद, सांस्कृतिक व रचनात्मक प्रतियोगिताओं की धूम

अजमेरNov 16, 2019 / 09:10 pm

suresh bharti

100 years of establishment of Bijayanagar

बिजयनगर का रेलवे स्टेशन

अजमेर. वैसे तो पूरी दुनिया में अजमेर (ajmer) का नाम विख्यात है। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, पुष्कर स्थित परमपिता ब्रह्मा मंदिर व पुष्कर सरोवर के चलते अजमेर की विशिष्ट पहचान है। अजमेर जिले का बिजयनगर शहर (bijaynagar citi) भी अपने ऐतिहासिक महत्व के चलते अलग से स्थान रखता है। मसूदा रियासत के 17 वें शासक राव बहादुर विजयसिंह ने नवम्बर 1919 में बिजयनगर की स्थापना की थी। तब यह कस्बा काफी छोटा था, लेकिन प्राचीन किला व कई स्मारक ऐतिहासिक व स्थापत्य कला के गवाह है। बिजयनगर क्षेत्र में कपास की पैदावर व कारोबार (bisenes) में अव्वल स्थान है।
यहां स्थित कॉटन मिल्स के कारखाने हजारों लोगों को रोजगार देकर करोड़ों रुपए का कारोबार कर रहे हैं। बिजयनगर (bijaynagar) क्षेत्र के सैंकड़ों परिवार नई दिल्ली, कोलकाता,चैन्नई, बैंगलूरू, सूरत, हैदराबाद व कोयम्बटूर सहित कई शहरों में व्यवसाय कर अपनी पहचान बनाए हुए हैं।
बिजयनगर निवासी कोगटा पहले विधायक (m.l.a)

बिजयनगर (bijaynagar) निवासी किशन गोपाल कोगटा को मसूदा विधानसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। दवा व्यवसाय से जुड़े कोगटा 1990 व 1995 के विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गए। बिजयनगर में केशव इंडोर स्टेडियम का निर्माण, राजकीय चिकित्सालय में मरीजों की सुविधाओं के लिए मेल वार्ड का निर्माण, बेहतर चिकित्सकों की निुयक्ति सहित कई विकास कार्यों के माध्यम से कोगटा क्षेत्र के विकास में भागीदार बने।
सुगनचन्द सिसोदिया पहले सरपंच (sarpanch)

बिजयनगर की स्थापना के समय यहां ग्राम पंचायत (gram panchayat) थी। तब सुगनचन्द सिसोदिया सरपंच चुने गए। सिसोदिया ने सरपंच बनने के बाद भी अक्टूबर 74 से अगस्त 78 तक अपने कार्यकाल में एक व्यवसायी के यहां मुनीम की नौकरी की। ग्राम पंचायत की ओर से मात्र 200 रुपए में आवासीय भूखण्ड आवंटित किए गए जो आज बिजयनगर में मुनीम कॉलोनी के नाम से विकसित है।
सोहनलाल तातेड़ प्रथम पालिका अध्यक्ष

वयोवृद्ध सोहनलाल तातेड़ (sohanlal tated( को वर्ष 1990 में बिजयनगर का प्रथम बार नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।

तातेड़ ने अपने कार्यकाल में राज्य सरकार के सहयोग व पालिका स्तर पर आर्थिक संसाधनों के जरिए विकास की राह को गति देने का प्रयास किया। साथ ही उस समय वर्षो से लम्बित इन्दिरा कॉलोनी में गरीब तबके के लोगों को पट्टे दिलाए। वर्तमान में बिजयनगर (bijaynagar) के सबसे बड़े जैन समुदाय का संघ अध्यक्ष के रूप से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
भण्डारी को भी मिला अल्पकाल के लिए अध्यक्ष पद : प्रमुख व्यवसायी नेमीचन्द भण्डारी साल 1990 के नगर पालिका बोर्ड में भाजपा से पालिका उपाध्यक्ष चुने गए। इस कार्यकाल के दौरान भण्डारी को दो माह के लिए कार्यवाहक पालिका अध्यक्ष पद के रूप में काम करने का मौका मिला।
बिरदीचन्द लोढ़ा ने किया प्रथम भाजपा बोर्ड (bjp board) का प्रतिनिधित्व

बिजयनगर नगर पालिका चुनाव में सन् 1995 में बी. सी. लोढ़ा को प्रथम भाजपा बोर्ड का अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। लोढ़ा ने अपने कार्यकाल में 27 मील चौराहा व खारी नदी तट पर स्वागत द्वार का निर्माण कराकर शहर की सौन्दर्यता को मूर्त रूप देने का प्रयास किया।
युवाओं का नेतृत्व किया बड़ौला ने

तीसरे नगर पालिका बोर्ड में साल 2000 के चुनाव में भाजपा के अशोक बड़ौला को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। बड़ौला ने संगठन को मजबूती से आगे बढ़ाने का प्रयास किया। वहीं अपने कार्यकाल में गांधी उद्यान में पालिका कार्यालय निर्मित कराने का प्रस्ताव लिया। बालाजी मन्दिर से तेजा चौक तक गुणवत्ता युक्त सडक़ निर्माण कार्य सहित सरकारी योजनाओं के माध्यम से विकास को गति दी।
कुमावत को मिला प्रतिनिधित्व का मौका

साल 2000 से 2005 के बोर्ड कार्यकाल के मध्य भंवरलाल कुमावत को भी एक वर्ष के लिए पालिका अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। कुमावत ने गांधी उद्यान परिसर (gandhi gardan) में पालिका भवन का निर्माण कराया। बस स्टैंड पर प्लेटफार्म, रेलवे फाटक से खारी नदी तक क्षतिग्रस्त मुख्य सडक़ का नवीनीकरण कराया।
पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में मेवाड़ा की अहम भूमिका

बिजयनगर नगर पालिका के चौथे बोर्ड के चुनाव 2005 में जाट नेता सांवरलाल जाट के वरदहस्त के चलते बिजयनगर की बागड़ोर युवा नेता इन्द्रजीत मेवाड़ा को मिली। पालिका अध्यक्ष(palika president) मेवाड़ा ने बिजयनगर में व्याप्त गंभीर पेयजल संकट को गंभीरता से लेते हुए बिजयनगर में बीसलपुर योजना के पानी सप्लाई (water suply) के लिए स्टोरेज व सात नवीन पानी की टंकिया निर्मित कराई।
सीधे चुनाव में जनता ने किया भरोसा

बिजयनगर नगर पालिका चुनाव के दौरान सरकारी निर्णयानुसार सन् 2010 के चुनाव में पहली बार आम जनता ने पालिका अध्यक्ष चुनाव को भाजपा (bjp) के धर्मीचन्द खटोड़ को वोट देकर अपना भरोसा जताया। अपने कार्यकाल के दौरान खटोड़ ने राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से शहर के विकास पर करोड़ों रुपए व्यय कर विकास को गति दी।
दूसरी बार बना कांग्रेस का बोर्ड (congres board) , बागडौर सांखला ने संभाली

सन् 2015 में वर्तमान पालिका अध्यक्ष सचिन सांखला ने भाजपा को कड़ी टक्कर देकर कांग्रेस का बोर्ड बनाया। सांखला ने राज्य सरकार के सहयोग से संजयनगर से बिजयनगर से व केकड़ी रोड,रोडवेज बस स्टेण्ड निर्माण सहित कई कार्य कराए हैं। बिजयनगर के शताब्दी समारोह में बिजयनगर के संस्थापक राव विजय सिंह की प्रतिमा स्थापना, 100 फीट ऊंचा तिरंगा फहराने सहित कई आयोजन किए गए हैं।
योगेन्द्रराज सिंघवी की विशिष्ट पहचान

शिक्षा व समाज सेवा क्षेत्र में सक्रिय मुम्बई के प्रमुख व्यवसायी योगेन्द्र राज सिंघवंी अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं श्री पाश्र्वनाथ नाकोड़ा भैरव ट्रस्ट बिजयनगर के अध्यक्ष बी हैं। सिंघवी ने बिजयनगर में पाश् र्वनाथ नाकोड़ा भैरव मन्दिर के अंजन शलाका महोत्सव में एवं श्री प्राज्ञ इंटरनेशनल स्कूल के विकास में विशेष भूमिका निभाई है।
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