पूछताछ में दिनेश चौधरी ने बताया कि चोरी की वारदात के लिए उसने पाली जिले के बाली सेवाड़ी हाल देसूरी निवासी दीपक जोशी उर्फ दीपिया को चुना। दीपक ने जालौर भीनमाल निवासी सुरेश कुमार व सिरोही कैलाशनगर निवासी लक्ष्मण कुमार माली उर्फ लक्ष्मण देवड़ा के साथ मिलकर वारदात अंजाम दी। दिनेश ने पुलिस को बताया कि यश गोल्ड कम्पनी से निकलने वाली ज्वैलरी कहां, कैसे, कौन लेकर रवाना होगा? इन सबकी उसको जानकारी रहती है।। उसने दीपक उर्फ दीपिया को विपुल रावल, नरेन्द्र कुमार के 6 जनवरी को बान्द्रा उदयपुर ट्रेन में ज्वैलरी लेकर उदयपुर के लिए रवाना होने की सूचना दी थी। दीपक ने अपने 6-7 साथियों के साथ चोरी की वारदात को अंजाम दिया।
प्रेमिका के घर से बरामदगी
जीआरपी स्पेशल टीम ने दीपक उर्फ दीपिया की प्रेमिका के आबू रोड गांधीनगर कॉलोनी में दबिश दी गई। कार्रवाई की भनक लगते ही दीपक कार समेत फरार हो गया। पुलिस टीम ने दीपक की प्रेमिका के घर से 15 तोला सोने की ज्वैलरी, दीपक की ओर से दिलवाए गए भूखण्ड के दस्तावेज और एक महाराष्ट्र नम्बर की लग्जरी कार बरामद की।
प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि दीपक उर्फ दीपिया पाली सुमेरपुर थाने का बदमाश है। पुलिस रिकॉर्ड में उसके खिलाफ मारपीट, लूट व फायरिंग जैसे मामले दर्ज है। आरोपी ने ट्रेन में चोरी की वारदात भी 5-7 साथियों के साथ मिलकर अंजाम दी। वह हर बार अलग-अलग लड़कों को टीम में शामिल कर वारदात अंजाम देता है।
पैसा बनाने की थी चाह
पुलिस पड़ताल में नरपत माली व दिनेश चौधरी ने बताया कि दोनों आर्थिंक तंगी से जूझ रहे थे। पैसा कमाने की ललक में उन्होंने कम्पनी का गोल्ड चोरी करने का शॉर्टकट रास्ता अपनाया। दोनों अपने षडय़ंत्र में कामयाब भी रहे।
चौधरी के मुताबिक 7 जनवरी 2019 को जीआरपी थाना चित्तौडगढ़़ में बान्द्रा-उदयपुर के स्लीपर कोच एस-4 से चोर नरेन्द्र कुमार व विपुल रावल का बैग चोरी कर ले गए। इसमें पौने 3 करोड़ रुपए कीमत का 8 किग्रा सोने के आभूषण थे। प्रकरण में अतिरिक्त महानिदेशक(जीआरपी) नीनासिंह ने अपराधियों की धरपकड़ के लिए अजमेर जीआरपी एसपी पूजा अवाना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोलाराम यादव, वृत्ताधिकारी(उदयपुर) श्यामलाल मीणा, अजमेर थानाप्रभारी रामअवतार चौधरी, अजमेर जीआरपी स्पेशल टीम के प्रभारी मनोजकुमार चौहान, सिपाही दिलीपसिंह, मानसिंह को हर सम्भव प्रयास के निर्देश दिए। अनुसंधान में वारदात अंजाम दिलवाने वाले नरपत माली व दिनेश चौधरी को दस्तयाब कर पूछताछ करने पर सच सामने आ गया।