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डीपीसी विवाद में अटके हैं 300 नायब तहसीलदार

locationअजमेरPublished: Apr 30, 2021 10:05:59 pm

Submitted by:

bhupendra singh

राजस्व मंडल ने राजस्व विभाग को भेजी रिपोर्ट

ajmer

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भूपेन्द्र सिंह

अजमेर.भू-अभिलेख निरीक्षकों (गिरदावर ILR ) की डीपीसी DPC के लिए तैयार की गई वरिष्ठता सूचियों को लेकर चल रहे विवाद के बीच राजस्व मंडल ने राजस्व विभाग (गु्रप-1) को रिपोर्ट भेज दी है। राजस्व मंडल revenue board जारी वरिष्ठता सूची को लेकर कई गिरदावर कोर्ट से स्टे ले आए थे। जोधपुर हाईकोर्ट में जो केस चल रहे थे उनके निर्णय में वरिष्ठता प्रभावित नहीं होने की स्थिति तक डीपीसी करने की अनुमति दी गई है। वहीं ट्रिब्यूनल ने एक मामले में स्टे दे रखा है। राजस्व मंडल इसे विड्रा करवाने का प्रयास कर रहा है।
यह है मूल विवाद
डीपीसी का मुख्य विवाद राजस्व विभाग के सेवारत पटरवारियों की भू-अभिलेख निरीक्षक भर्ती परीक्षा से चयनित गिरदावरों के बैच 24 व 25 का है। कहीं कलक्टरों की सूची को सही मान लिया गया तो कहीं खुद की सूची को। इसी को लेकर विवाद है। पूर्व में 80 प्रतिशत पटवारी पदोन्नत होकर गिरदावर बनते थे जबकि 20 प्रतिशत सीधी भर्ती के जरिए बनते थे। हालांकि अब पटवारियों को पदोन्नत करके ही गिरदावर बनाया जाता है। यदि गिरदावरों की वरिष्ठता सूची का विवाद सुलझता है तो राज्य के 300 गिरदावरों को पदोन्नत कर नायब तहसीलदार बनाया जा सकता है। इससे नायब तहसीलदारों के रिक्त पद काफी हद तक भर जाएंगे।
470 पद रिक्त
राज्य में नायब तहसीलदारों के कुल 971 पद में से 470 नायब तहसीलदारों Naib Tehsildar के पद रिक्त चल रहे हैं। राज्य में नायब तहसीलदार के 50 फीसदी पर सीधी भर्ती जबकि शेष 50 फीसदी गिरदावरों को पदोन्नत कर भरे जाते हैं। राजस्व मंडल वर्ष 2018 के 141 नायब तहसीलदारों की सीधी भर्ती के लिए सरकार को अर्थना भेजी थी, लेकिन अभी तक इनके इंटरव्यू ही फाइनल नहीं हो सके।
वरिष्ठता का आधार विभागीय परीक्षा के अंक
मंडल के अनुसार भू-अभिलेख निरीक्षकों की अंतिम वरिष्ठता सूचियों का प्रकाशन 8 अक्टूबर 2014 को किया गया। 28 अगस्त 2019 को जारी अंतिम सूची को शून्य घोषित करते हुए मंडल ने 24 अक्टूबर 2019 को अंतरिम वरिष्ठता सूचियों में मंडल अध्यक्ष के निर्देश पर सेवारत पटवारियों की भू-अभिलेख निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2011 से चयनित बैच नम्बर 24 के निरीक्षकों को वरिष्ठता सूची में 31 मार्च 2014 के पश्चात रखा गया। उनकी वरिष्ठता का निर्धारण विभागीय परीक्षा में प्राप्त अंकों/ मेरिट के आधार पर किया गया है।
28 रिट दायर

प्रोविजनल वरिष्ठता सूचियों पर प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण के लिए मंडल स्तर पर गठित कमेटी की रिपोर्ट 1 नवम्बर 2019 के अनुसार भू-अभिलेख निरीक्षकों की 1 अप्रेल 2015,1 अप्रेल 2016 एवं 1 अप्रेल 2017 की स्थिति की अनुसूचित क्षेत्र एवं गैर अनुसूचित क्षेत्र की अंतिम वरिष्ठता सूची मंडल अध्यक्ष के अनुमोदन के बाद विज्ञप्ति 1 नवम्बर 2019 द्वारा जारी की गई। इसके विरुद्ध विभिन्न न्यायालयों में 28 अपील एवं रिट याचिका दायर की गई।
वरिष्ठता सूचियों को अपास्त करने का प्रावधान नहीं
भू-अभिलेख निरीक्षकों की 1 नवम्बर 2019 को जारी अंतिम वरिष्ठता सूचियों के आधार पर नायब तहसीलदार पद की वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक की डीपीसी की जा चुकी है। ऐसी स्थिति में मंडल द्वारा उक्त वरिष्ठता सूचियों को अपास्त किए जाने के सम्बन्ध में राजस्थान भू-राजस्व नियमावली में कोई प्रावधान नहीं है। जब तक अदालतों के निर्णय नहीं आ जाते तथा सरकार से स्पष्ट निर्देश नहीं आते तब तक उक्त सूचियों को अपास्त नहीं किया जा सकता।
वेतन विसंगतियां सावंत कमेटी के जिम्मे
गिरदावारों की वित्तीय मांगों के सम्बन्ध में 28 अप्रेल 2018 के बैठक के निर्णयानुसार भू-अभिलेख निरीक्षक की ग्रेड पे 4200 किए जाने तथा हार्ड ड्यूटी भत्ता प्रकरण में वेतन विसंगति निराकरण के लिए गठित सावंत कमेटी से प्राप्त होने वाली रिपोर्ट पर रकार द्वारा नियमों में आवश्यक संशोधन के लिए विचार किया जाएगा।
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