मुख्य अग्निशमन अधिकारी के 8 पद स्वीकृत हैं। पांच पद रिक्त हैं। केवल अजमेर में ही अफसर काम कर रहा है। जयपुर और कोटा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी घूस लेने के आरोप में सस्पेंड चल रहे हैं। इसी प्रकार अग्निशमन अधिकारी के 26 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 18 पद रिक्त हैं। फिलहाल जोधपुर में 2, जयपुर, सीकर, गंगानगर, कोटा, उदयपुर और डूंगरपुर में एक-एक अग्निशमन अधिकारी काम कर रहा है। सहायक अग्निशमन अधिकारी के 69 स्वीकृत पदों में से 22 पद ही भरे हुए हैं। इनमें जयपुर हैरिटेज में 3, जयपुर ग्रेटर में 5 अधिकारी लगाए हैं। इनमें से भी एक निलम्बित चल रहा है। कोटा और बीकानेर में 2-2 झुंझुनूं, अजमेर, अलवर, भिवाड़ी, बहरोड़, कोटपुतली, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा और सिरोही में एक -एक अफसर काम कर रहा है। 47 पद रिक्त चल रहे हैं।
19 जिलों में नही हैं अफसर
दौसा, जालौर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, प्रतापगढ़, राजसमंद, हनुमानगढ़, चूरू, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर, बूंदी, बारां, झालावाड़ में अफसर नहीं हैं।
भर्ती का इंतजार
राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड ने इसी वर्ष जनवरी में 29 सहायक अग्निशमन अधिकारी और 600 फायरमैन भर्ती करने के लिए परीक्षा ली थी। लिखित परीक्षा का परिणाम तो आ गया पर प्रेक्टिकल और फिजीकल परीक्षा होनी बाकी है।
70 मीटर की एक ही लैडर
आग बुझाने के संसाधनों के मामले में भी हालात ज्यादा अच्छे नहीं कहे जा सकते। अग्निशमन विभाग के पास 70 मीटर की ऊंचाई तक आग बुझाने में सक्षम एरियल हायड्रोलिक लैडर प्लेटफॉम वाली एक ही गाड़ी है वो भी जयपुर में । जोधपुर और कोटा के पास 42 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने की गाड़ी है। ऐसी एक गाड़ी जयपुर के पास भी है। 60 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने की चार गाडि़यां जयपुर के विश्वकर्मा अग्निशमन केन्द्र पर खड़ी हैं। इनका आंवटन जोधपुर, कोटा, उदयपुर और भिवाड़ी को होना है। ऐसी ही 2 गाडि़यां अजमेर में भी आनी हैं।
एक वर्ष में आग लगने की घटनाएं जोधपुर – 670 जयपुर – 350
सीकर – 450 उदयपुर – 300 अजमेर – 300 बाड़मेर – 350 बांसवाड़ा – 203 पाली – 125
नागौर – 80 सवाई माधोपुर – 60 कोटा – 04