घंटे-घडिय़ाल व जयकारों से मंदिर परिसर गूंजते रहे। पीत वस्त्र पहने श्रावकों ने दूध, दही, अक्षत, चंदन और जल से अभिषेक किए। यह दृश्य देख जैन समाज के लोग भाव-विभोर हो गए। मंदिरों में शांति विधान, नंदीश्वर, समोवशरण व चौबीस तीर्थंकर विधान पूजन के बाद अपराह्न में अघ्र्य समर्पित हुए। शाम को सामूहिक कलशाभिषेक के दौरान वेदी से प्रतिमा लाने,चवर ढुलाने व पंचामृत अभिषेक के लिए पुण्यार्जक की बोलियां लगाई गई। ढोल-नगाड़ों, दुंदुभि और जयघोष के बीच मूल प्रतिमाओं के अभिषेक किए गए।
जिनालयों को सजाया पर्युषण पर्व के तहत अजमेर के जैन मंदिरों को रंग-बिरंगी विद्युत रोशनी,बांदनवार व पचरंगी पताकाओं से सजाया गया। प्रतिमा वेदियों का रंगरोगन कर आकर्षक रूप दिया गया। दस दिवसीय पर्व के दौरान अजमेर शहर में मुख्य रूप से ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र नारेली, सोनीजी की नसियां, छोटे धड़े व बड़े धड़े की नसियां, केसरगंज स्थित श्री पाश्र्वनाथ मंदिर, मदार स्थित लाल जैन मंदिर, पाल बीचला जैन मंदिर, वैशाली नगर, पंचशीलव आंतडिय़ों की छतरी सहित सभी जैन मंदिरों में विधान पूजन, लघु नाटिका मंचन, धार्मिक प्रश्नोत्तरी, हाऊजी, भजन, प्रवचन सहित कई आयोजन हुए।
साधना में रहे लीन पर्युषण पर्व के दौरान जैन समाज के महिला-पुरुषों ने व्रत, उपवास व तेला किया। जैन धर्म में तप का बहुत महत्व है। कई श्रावक-श्राविकाओं ने तीन, पांच,आठ, दस,पन्दह व तीस दिन तक निराहार (तेला) कर तपस्या की है। तप अत्यंत अनंत कर्मों को काटने वाला है। तप भव के चक्कर मिटाने वाला है। तप आत्मा को गति देता है।
वह आत्मा को उष्मा प्रदान करता है। तप इन्द्रियों के विकारों को वश में करने के मंत्र समान है। जैन धर्म में चातुर्मासकाल को तपस्या के अनुकूल माना जाता है। शुक्रवार को उपवास करने वाले तपस्वियों को अभिनंदन किया जाएगा।
आज मनाएंगे क्षमावामी पर्व दिगम्बर जैन अजमेरी आम्नाय पंचायत बड़ा भड़ा के वैसाली नगर छतरियों के मंदिर में अनंत चतुर्दशी पर पूजन व अभिषेक हुए। शुक्रवार को प्रात: ८.१५ बजे सामूहिक क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा। प्रवक्ता ललिति जैन के अनुसार तीन, पांच,आठ दस व इससे अधिक दिनों तक उपवास (तेला) करने वाले तपस्वियों को अभिनंदन किया जाएगा।
केसरगंज स्थित मंदिर : पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैसवाल जैन मंदिर कमेटी केसरगंज में अनन्त चतुर्दशी पर पूजन व अभिषेक हुए। प्रतिष्ठान बंद रखकर पूरे दिन पूर्ण भक्ति रखा। उत्तम ब्रहा्रचर्य धर्म मनाया गया। शाम को जिनेन्द्र मण्डल ने भक्ति नृत्य प्रस्तुत किए। प्रचार प्रसार संयोजक राकेष घीया ने बताया कि पंडित मनोज ने प्रवचन किए। राजकुमार पॉण्डया के अनुसार 13 सितम्बर को वार्षिक कलाषाभिषेक व क्षमावाणी महापर्व केसरगंज स्थित जैन मन्दिर प्रांगण में मनाया जाएगा। दोपहर 2 बजे जल यात्रा, 3 बजे से क्षुल्लक 105 नयसागर के मंगल प्रवचन, सांय 4.30 बजे भगवान के कलशाभिषेक होंगे। इसके बाद सामूहिक क्षमायाचना की जाएगी। रात्रि 8 बजे महावीर जयंती के जुलूस में सहयोगियों को सम्मानित किया जाएगा।
ब्यावर के मंदिरों में जिन प्रतिमाओं के अभिषेक अजमेर जिले के ब्यावर उपखंड मुख्यालय स्थित दिगम्बर जैन समाज के हाउसिंग बोर्ड स्थित शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में दोपहर २ बजे कलशाभिषेक हुए। इसके बाद दिगम्बर जैन पंचायती नसिया में जिनेन्द्र प्रतिमा पर पंचामृत अभिषेक किए।
यहां से जुलूस श्री दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर सरावगी मोहल्ला पहुंचा। यहां कलशाभिषेक हुए। इसके बाद श्री पदमप्रभु दिगम्बर जैन मन्दिर सरावगी मोहल्ला, सेठ चप्पालाल रामस्वरूपजी की नसियां, श्री दिगम्बर जैन मन्दिर छावनी, अजमेर रोड स्थित पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर और सुधासागर कॉलोनी स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में कलशाभिषेक हुए।नसीराबाद शहर में अपराह्न बाद श्रावक-श्राविकाएं जुलूस के रूप में सभी जैन मंदिर गए, जहां भगवान जिनेन्द्र देव के कलशाभिषेक किए गए। सांय जैन बड़े मंदिर में विशेष आरती हुई। बच्चों, युवकों वमहिला-पुरुषों ने व्रत व उपवास रखे। गुरुवार को जैन समाज के व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। रविवार को जैन समाज की ओर से क्षमावणी पर्व मनाया जाएगा। तेला करने वाले महिला-पुरुषों का पारणा भी कराया गया।
मदनगंज-किशनगढ़. पर्यूषण पर्व के दसवें दिन अनन्त चतुर्दशी पर्व पर आर्यिका विज्ञाश्री ससंघ के सान्निध्य में वीर सागर स्मृति जैन भवन में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। साथ ही सकल दिगम्बर जैन समाज, मुनि सुव्रतनाथ दिगम्बर जैन पंचायत व आर्यिका विज्ञाश्री धर्मप्रभावना समिति की ओर से प्रात: कलशाभिषेक, जिन सहस्रनाम महाअर्चना विधान के बाद दोपहर में तत्वार्थ सूत्र कक्षा और सायं प्रतिक्रमण ध्यान हुआ। शाम को आर्यिका विज्ञाश्री की आरती दिगम्बर जैन वीर संगीत मंडल की ओर से की गई।
दसलक्षण महापर्व के अंतिम दिवस उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का पूजन किया गया। मुनि सुव्रतनाथ मंदिर में सुबह मुनि सुव्रतनाथ भगवान के पंचामृत अभिषेक किया। शांतिधारा का सौभाग्य जयकुमार अनिल कु़मार आशीष कुमार सेठी कुचील वालों को प्राप्त हुआ। मुनिसुव्रतनाथ भगवान के पंचामृत अभिषेक भी किए गए। दूध दही शर्करा घी एवं सभी प्रकार के फलों के रस से मूलनायक मुनिसुव्रतनाथ भगवान के अभिषेक संजय कुमार पुनीत कुमार पापड़ीवाल ने किया और चौबीस भगवान के अघ्र्य समर्पित किए। श्रद्धालुओं ने मुनिसुव्रतनाथ भगवान वासुपूज्य भगवान देव शास्त्र गुरु 24 तीर्थंकर भगवान सोलह कारण पूजन पंचमेरु पूजन निर्वाण क्षेत्र पूजन एवं उत्तम सम्यक चरित्र पूजन दश लक्षणधर्म आदि की पूजा की गई। मुनि सुव्रतनाथ मंदिर में भगवान वासुपूज्य मोक्षकल्याणक पर लोगों ने पूजन कर निर्वाण मोदक अर्पित किया। दोपहर में मुनिसुव्रतनाथ भगवान के अभिषेक एवं शांति धारा की गई।