अजमेर

प्रशासन शहरों के संग अभियान…कर्मचारियों की कमी से बढ़ सकती है परेशानीतहसीलदार, नायब तहसीलदार के आधे से अधिक पद खाली

पट्टे जारी करने का टार्गेट 10 लाख
194 तहसीलों में तहसीलदार, 186 में नायब नहीं, 40 प्रतिशत पटवार घर भी सूने
तहसीलदारों के 74 प्रतिशत, नायब के 54 प्रतिशत पद रिक्त
उप पंजीयकों के 86 प्रतिशत तथा पटवारियों के 40 प्रतिशत पद रिक्त
राजस्व मंडल

अजमेरSep 04, 2021 / 06:11 pm

bhupendra singh

ajmer news

भूपेन्द्र सिंह
अजमेर. राज्य सरकार 2 अक्टूबर से प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत 10 लाख पट्टे जारी करने की तैयारी में है, लेकिन पंचायत समिति से लेकर तहसीलों तक कर्मचारियों के सैकड़ों तो राजस्व की प्रथम कड़ी पटवारी व गिदवारों के पद भी हजारों की संख्या में रिक्त चल रहे पद अभियान में रोड़ा साबित हो सकते हैं। राज्य की 194 तहसीलों में तहसीलदार नहीं है। जबकि 186 तहसील उप तहसीलो में नायब तहसीलदार भी नहीं हैं। 4918 पटवार घर सूने पड़े हैं। इन पदों पर न तो भर्ती हो रही है और न ही पदोन्नति से ही इन्हें भरा जा रह है।
तहसीलदारों के 74 प्रतिशत, नायब के 54 प्रतिशत पद रिक्त तथा उप पंजीयकों के 86 प्रतिशत व पटवारियों के 40 प्रतिशत पद रिक्त चल रहे हैं। सरकार के पास तहसीलदारों के पद पर नियुक्ति के तहसीलदार ही उपलब्ध नहीं है। नायब तहसीलदारो का भी यही हाल है। एक तहसीलदार को दूसरी तहसील को तो कहीं तहसीलदार को उप पंजीयक का चार्ज देकर काम चलाया जा रहा है। उप पंजीयक कार्यालयों में सन्नाटा ही पसरा है। बड़ी संख्या में बीडीओ के पद भी खाली है। ग्राम पंचायतों में बीडीओ ही पट्टे जारी करेंगे।
यह है कर्मचारियों के पदों का हाल

राज्य में तहसीलदार के कुल 585 पद हैं। इनमें से 213 कार्यरत हैं। 372 पद रिक्त हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में तहसीलदों के 74 प्रतिशत पद खाली चल रहे है। नायब तहसीलदार के स्वीकृत पद 1016 हैं। इनमें से केवल 463 ही कार्यरत हैं जबकि 553 पद रिक्त हैं। नायब तहसीलदरों के 54 प्रतिशत पद रिक्त हैं। राज्य में नायब तहसीलदार के 50 फीसदी पर सीधी भर्ती जबकि शेष 50 फीसदी गिरदावरों को पदोन्नत कर भरे जाते हैं। पटवारियों के स्वीकृत 12 हजार 327 पदो के मुकाबले 7409 पद भरे हुए हैं जबकि 4918 पद रिक्त हैं। पटवारियों के 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं । पटवारियों के काम की मोनीटरिंग करने वाले गिरदावरों के 604 पद भी रिक्त हैं। उप पंजीयक के स्वीकृत पद 114 हैं इनमें से केवल मात्र 16 कार्यरत हैं जबकि 98 पद रिक्त चल रहे हैं। देखा जाए तो 86 प्रतिशत पद रिक्त हैं।
अनुभव में नहीं मिली 2 साल की छूट कैसे बनें तहसीलदार

राजस्व मंडल ने राजस्व विभाग से नायब तहसीलदारों को ही डीपीसी के जरिए पदोन्नत कर तहसीलदार बनाने के लिए अनभुव में दो वर्ष की शिथिलता मांगी है लेकिन इसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली। इससे नायब तहसीलदरों को वर्ष 2021-21 की डीपीसी के जरिए तहसीलदार के पद पर पदोन्नत कर रिक्त पदों को भरना मुश्किल हो रहा है। नायब तहसीलदार के अलावा अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी तथा सदर मुंसरिम से तहसीलदार पद की वर्ष 201-22 की डीपीसी के लिए भी पात्र कार्मिकों को अनुभव में 2 वर्ष की छूट मांगी गई है। यदि मुख्य सचिव की समिति द्वारा 2 वर्ष की छूट दी जाती है तो 45 नायब तहसीलदार तथा 18 अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी तहसीलदार पद पर पदोन्नत हो सकेंगे।
डीपीसी विवाद ने अटकाए 300 नायब तहसीलदार

राजस्व मंडल द्वारा भू-अभिलेख निरीक्षकों (गिरदावर) की डीपीसी के लिए तैयार की गई वरिष्ठता सूचियों पर ट्रिब्यूनल ने ें स्टे दे रखा है। डीपीसी का मुख्य विवाद राजस्व विभाग के सेवारत पटरवारियों की भू-अभिलेख निरीक्षक भर्ती परीक्षा से चयनित गिरदावरों के बैच 24 व 25 का है। पूर्व में 80 प्रतिशत पटवारी पदोन्नत होकर गिरदावर बनते थे जबकि 20 प्रतिशत सीधी भर्ती के जरिए बनते थे। यदि गिरदावरों की वरिष्ठता सूची का विवाद सुलझता है तो राज्य के 300 गिरदावरों को पदोन्नत कर नायब तहसीलदार बनाया जा सकता है।
252 पदों पर अटकी है भर्ती

राजस्व मंडल ने 2015-16 से 2019-20 तक के करीब 252 नायब तहसीलदों के पदो के लिए अर्थना सरकार को भेज रखी है लेकिन साक्षात्कार का मामला आरपीएससी में अटका हुआ है। राजस्व मंडल वर्ष 2018 के 141 नायब तहसीलदारों की सीधी भर्ती के लिए सरकार को अर्थना भेजी थी। परीक्षा के बाद हाल ही इनके इंटरव्यू ही फाइनल हुए हैं।
जिला कलक्टर लगातार मांग रहे तहसीलदार

राज्य का ऐसा कोई जिला नहीं है जहां तहसीलदार व नायब तहसीलदार के पद रिक्त नहीं है। जिलों के कलक्टर राजस्व मंडल को जिले की तहसीलों में तहसीलदार व नायब तहसीलदरों के रिक्त पदों को भरने के लिए राजस्व मंडल अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं। राजस्व मंडल के सामने अजमेर विकास प्राधिकरण में तहसीदरों के दोनो पद रिक्त हैं। गिरदावर को तहसीलदार का चार्ज देकर काम चलाया जा रहा है।
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