scriptपट्टा जारी करने में अनियमितता पर पूर्व सरपंच दोषी | Former sarpanch guilty on irregularity in issuing lease | Patrika News
अजमेर

पट्टा जारी करने में अनियमितता पर पूर्व सरपंच दोषी

-कड़ैल के पूर्व सरपंच महेंद्र सिंह मझेवला पर आरोप-संभागीय आयुक्त ने दिया फैसला
-पांच साल तक चुनाव लडऩे के निर्योग्य घोषित

अजमेरSep 03, 2021 / 08:53 pm

bhupendra singh

pushkar

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अजमेर. अपने कार्यकाल में पट्टे जारी करने में अनियमितता के मामले में कड़ेल ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच तथा वर्तमान में जिला परिषद सदस्य महेन्द्र सिंह मझेवला को सम्भागीय आयुक्त डॉ. वीणा प्रधान ने जांच में दोषी माना है। इसके साथ ही मझेवला को आगामी 5 साल के लिए पंचायती राज संस्था के चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। ग्राम पंचायत कड़ेल के पूर्व सरपंच महेन्द्र सिंह मझेवला के प्राथमिक जांच में आरोपी पाए जाने पर राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 38 (1) के तहत कार्यवाही प्रारम्भ की गई। संबंधित को राजस्थान पंचायती राज नियम 1990 के नियम 22 (2) के अन्तर्गत आरोप पत्र जारी करते हुए साक्ष्य आदि प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। संभागीय आयुक्त ने मामले में जांच अधिकारी की रिपोर्ट को रिकॉर्ड के आधार पर उचित माना है।
यह आरोप हुए प्रमाणित
पूर्व सरपंच मझेवला के पद पर रहते हुए जारी किए गए 14 पट्टों की जांच में ग्राम पंचायत द्वारा जारी सभी 14 पट्टे अनियमित रुप से जारी किया जाना पाए जाकर इस कृत्य के लिए मझेवला को उत्तरदायी बताया गया।
60 पट्टों की हुई जांच
मझेवला के खिलाफ दूसरा आरोप है कि राजस्थान पंचायतीराज नियम 157 (2) के तहत 60 पट्टों की जांच करने से यह पाया गया कि ग्राम पंचायत द्वारा जारी सभी 60 पट्टे अनियमित रूप से जारी किए हैं। इस कृत्य के लिए भी मझेवला को उत्तरदायी ठहराया गया है।
सीईओ ने प्रमाणित माने आरोप
मझेवला के जवाब के बाद मामले की जांच के लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच रिपोर्ट तलब की गई। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर लगाए गए आरापों को प्रमाणित माना।
जवाब में यह कहा. . .
महेन्द्र सिंह मझेवला ने अपने जवाब में कहा कि राजस्थान पंचायतीराज नियम में ऐसे परिवार जिनके पास कोई जमीन व घर नहीं है और जिनका वर्ष 2003 तक झुग्गी झोंपड़ी को गृह के तौर पर आबादी भूमि पर कब्जा है, उन्हें अधिकतम 300 वर्गगज तक का पट्टा जारी किया गया। जिसमें मेरी कोई भी गलत मंशा नहीं है। सभी गरीब परिवार हैं तथा इसमें किसी प्रकार की राजकोषीय हानि नहीं हुई है। पट्टा वितरण में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है।
मौजूदा पद को लेकर संशय
महेन्द्र सिंह मझेवला वर्तमान में जिला परिषद सदस्य हैं। डीसी के फैसले को लेकर मझेवला के मौजूदा पद को लेकर भी संशय की स्थिति है। जिला परिषद में इस तरह का मामला पहली बार सामने आया है। हालांकि डीसी के आदेश में वर्तमान पद को लेकर कोई उल्लेख नहीं है। जानकारों का भी मानना है मझेवला के वर्तमान पद पर इस निर्णय का कोई असर पडऩा मुश्किल है।
इनका कहना है
मैने किसी को गलत पट्टा जारी नहीं किया है, आरोप गलत हैं। ये राजनीतिक द्वेषतापूर्ण मामला है। मेरा पक्ष सुने बगैर ही फैसला दिया गया है। पूर्व डीसी ने मेरी सुनवाई कर फाइल पर मुझे दोषमुक्त कर दिया था। आगे न्याय पालिका का दरवाजा खुला है।
महेन्द्र सिंह मझेवला पूर्व सरपंच, कड़ैल (वर्तमान में जिला परिषद सदस्य )

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