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अजमेर

कांग्रेस को 14 दिन में करना होगा ये टार्गेट पूरा, सचिन पायलट पर टिकी निगाहें

यह संख्या फिलहाल अपेक्षाकृत कम है। इससे मतदाताओं से सम्पर्क व बूथ तक लाने का दायित्व कैसे पूरा होगा।

अजमेरJan 14, 2018 / 08:04 am

raktim tiwari

election challenge for congress

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दिलीप शर्मा/अजमेर।

कांग्रेस संगठन का ताना-बाना अब भी पूरी तरह से कसने की जरूरत है। पार्टी सभी बूथों पर वार्ड प्रभारी व अध्यक्षों की नियुक्ति व बूथ इकाई में कई जगह अभी भी झोल है। उत्तर व दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कुल 365 बूथों में एक बूथ प्रभारी व एक बूथ अध्यक्ष तथा 10 इकाई सदस्यों की नियुक्ति होनी चाहिए। इसके अनुसार करीब चार हजार कार्यकर्ताओं की फौज अजमेर में बूथों पर तैनात की जानी है, लेकिन जानकार बताते हैं कि यह संख्या फिलहाल अपेक्षाकृत कम है। इससे मतदाताओं से सम्पर्क व बूथ तक लाने का दायित्व कैसे पूरा होगा।
वार्ड अध्यक्ष व बूथ प्रभारियों के पद नहीं भरे

शहर के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चार ब्लॉक अध्यक्ष अशोक बिंदल, आरिफ हुसैन, विजय नागौरा व विजय जैन हैं। जैन शहर अध्यक्ष का पद संभाले हैं। शेष तीन ब्लॉक अध्यक्ष को ब्लॉक के तहत आने वाले वार्डों के पदाधिकारियों की तैनातगी को पुष्ट करना है। हालांकि ब्लॉक अध्यक्षों का कहना है कि वह अपने ब्लॉक में आने वाले दिनों में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर देंगे। कई वार्ड अध्यक्ष व बूथ प्रभारियों के पद अब भी नहीं भरे हैं। ऐसे में बूथ प्रबंधन को ठोस करने के लिए संगठन को अभी और मशक्कत की जरूरत समझी जा रही है।
अब फील्ड में उतरने की जरूरत

संगठन की बैठकों से कार्यकर्ता व पदाधिकारी मुक्त नहीं हो पा रहे। कुछ बैठकों में प्रभारी व पदाधिकारी कह चुके हैं कि बैठकों का इंतजार लंबा होता है। वक्ता या जिम्मेदार वरिष्ठ पदाधिकारी के नहीं आने तक बैठे रहना पड़ता है। ऐसे में समय जाया होता है। मतदाताओं के संपर्क में कब जाएं।
वार्ड कार्यालय नहीं खुले, 14 दिन शेष

कांग्रेस का मुख्य चुनाव कार्यालय श्रीनगर रोड स्थित सुख सदन में संचालित है। केसरगंज में डीसीसी कार्यालय है तथा वैशाली नगर स्थित सागर विहार कॉलोनी में देहात कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़ के निवास में बने कक्ष में आईटी विभाग के जरिए मीडिया प्रबंधन संभाले हैं। फिलहाल शहर के दूरस्थ क्षेत्रों में वार्डवार कार्यालय नहीं खोले गए हैं, जबकि मतदान में मात्र 14 दिन का समय शेष है। कुछ नेताओं का कहना है कि मौजूदा कार्यालयों के जरिए स्थिति नियंत्रण में है।
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