प्रबंध निदेशक निर्वाण ने बताया कि अजमेर डिस्कॉम अपने तय किए गए लक्ष्यों (राजस्व प्राप्ति तथा छीजत) के लिए प्रतिबद्ध है। छीजत बढ़ने से डिस्कॉम के लॉसेज बढ़ते हैं जिससे राजस्व का नुकसान होता है। बढ़ती छीजत पर लगाम रख पाने में असफल रहे 52 अफसरों को अजमेर डिस्कॉम द्वारा चार्जशीट दी गई है। इन 52 अफसरों में 6 अधिशासी अभियंता , 16 सहायक अभियंता तथा 30 सहायक राजस्व अधिकारी शामिल हैं।
इन जिलों में जारी की गई चार्जशीट प्रबंध निदेशक निर्वाण ने बताया कि अजमेर सिटी सर्किल से 1 एक्सईएन तथा 2 एआरओ। अजमेर जिला सर्किल से 2 एईएन तथा 3 एआरओ । नागौर से 1एक्सइएन , 3 एईएन तथा 10 एआरओ । बांसवाड़ा से 2 एक्सईएन , 2 एईएन तथा 5 एआरओ , प्रतापगढ़ से 1 एक्सईएन तथा 1 एआरओ , राजसमंद से 1 एक्सईएन , 3 एईएन तथा 6 एआरओ, सीकर से 2 एईएन तथा 2 एआरओ , झुंझुनूं से 3 एईएन तथा 1 एआरओ एवं चित्तौड़गढ़ से 1 एईएन को टीएंडडी लॉसेज बढ़ने पर चार्जशीट दी गई है।
श्रम कल्याण संगठन के अधिकारियों एवं कार्मिकों ने सीखे मानसिक शांति के गुर
अजमेर. श्रम कल्याण संगठन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार के दाता नगर स्थित कार्यालय के अधिकारियों एवं कार्मिकों ने मानसिक शांति के उपाय सीखे। श्रम कल्याण आयुक्त संजय डाबी ने बताया कि कार्यालय में तीन दिवसीय ध्यान साधना शिविर हार्टफुलनेस संस्था द्वारा आयोजित किया गया। शिविर का आयोजन अधिकारियों एवं कार्मिकों को आत्मचिंतन तथा मानसिक शांति प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया था। हार्टफुलनेस संस्था के योग साधकों के मार्गदर्शन में तीनों दिन विभिन्न प्रकार की ध्यान क्रियाओं का अभ्यास करवाया गया। प्रशिक्षक अमिन्दर कौर मैक ने योग को सुखी जीवन का आधार बताया। बच्चों को बचपन से ही योग के प्रति जागरूक करने से वे जीवन भर स्वस्थ एवं सुदृढ़ रहेंगे। अजमेर केन्द्र समन्वयक शैलेश गौड़ ने योग एवं ध्यान को दैनिक जीवन का अंग बनाने का आव्हान किया।
अजमेर. श्रम कल्याण संगठन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार के दाता नगर स्थित कार्यालय के अधिकारियों एवं कार्मिकों ने मानसिक शांति के उपाय सीखे। श्रम कल्याण आयुक्त संजय डाबी ने बताया कि कार्यालय में तीन दिवसीय ध्यान साधना शिविर हार्टफुलनेस संस्था द्वारा आयोजित किया गया। शिविर का आयोजन अधिकारियों एवं कार्मिकों को आत्मचिंतन तथा मानसिक शांति प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया था। हार्टफुलनेस संस्था के योग साधकों के मार्गदर्शन में तीनों दिन विभिन्न प्रकार की ध्यान क्रियाओं का अभ्यास करवाया गया। प्रशिक्षक अमिन्दर कौर मैक ने योग को सुखी जीवन का आधार बताया। बच्चों को बचपन से ही योग के प्रति जागरूक करने से वे जीवन भर स्वस्थ एवं सुदृढ़ रहेंगे। अजमेर केन्द्र समन्वयक शैलेश गौड़ ने योग एवं ध्यान को दैनिक जीवन का अंग बनाने का आव्हान किया।