अजमेर संभाग ने कांग्रेस को 13 विधायक दिए हैं। इनमें नागौर और टोंक जिले में कांग्रेस की मजबूत स्थिति के बावजूद यहां से कोई केबिनेट मंत्री नहीं बन सका है। अजमेर से चिकित्सा जैसा बड़ा महकमा संभाल रहे डॉ. रघु शर्मा के इस्तीफे के बाद ब्राह्मण कोटे से मसूदा विधायक राकेश पारीक को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की उम्मीद थी लेकिन उनके नाम पर भी मुहर नहीं लग पाई।
अब राजनीतिक नियुक्तियों पर नजर
अब राजनीतिक नियुक्तियों पर नजर
मंत्रिमंडल में जगह बनाने में विफल रहे संभाग के चार जिलों के कांग्रेस विधायकों की नजरें अब राजनीतिक नियुक्तियों पर हैं। संभाग के 13 विधायकों में से वर्तमान में नावां विधायक महेन्द्र चौधरी विधानसभा में उपमुख्य सचेतक हैं।
संभाग में कांग्रेस विधायकों की स्थिति
संभाग में कांग्रेस विधायकों की स्थिति
अजमेर : अजमेर जिले में कुल 8 विधानसभा क्षेत्र में से 2 विधायक कांग्रेस के हैं। केकड़ी से डॉ. रघु शर्मा एवं मसूदा से राकेश पारीक विधायक हैं। किशनगढ़ से सुरेश टांक निर्दलीय विधायक हैं। जबकि 5 विधायक भाजपा से हैं।
टोंक : टोक के 4 विधानसभा क्षेत्र में 3 पर कांग्रेस के विधायक हैं, इनमें टोंक से सचिन पायलट, निवाई से प्रशांत बैरवा व देवली-उनियारा से हरीश मीना कांग्रेस के विधायक हैं। मात्र एक सीट मालपुरा से भाजपा के विधायक हैं।
भीलवाड़ा : भीलवाड़ा के 7 विधानसभा क्षेत्र में से 2 पर कांग्रेस के विधायक हैं। इनमें मांडल से रामलाल जाट व सहाड़ा से गायत्री देवी त्रिवेदी कांग्रेस से विधायक हैं। जबकि पांच विस क्षेत्र में भाजपा विधायक हैं।
नागौर : नागौर जिले में 10 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें 6 पर कांग्रेस विधायक हैं। नावां से महेन्द्र चौधरी, लाडनूं से मुकेश भाकर, डीडवाना से चेतन डूडी, जायल से मंजू मेघवाल, डेगाना से विजयपाल मिर्धा, परबतसर से रामनिवास गावडिय़ा कांग्रेस के विधायक हैं। नागौर व मकराना से भाजपा के विधायक तो खींवसर व मेड़ता से आरएलपी के विधायक हैं।
नागौर : नागौर जिले में 10 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें 6 पर कांग्रेस विधायक हैं। नावां से महेन्द्र चौधरी, लाडनूं से मुकेश भाकर, डीडवाना से चेतन डूडी, जायल से मंजू मेघवाल, डेगाना से विजयपाल मिर्धा, परबतसर से रामनिवास गावडिय़ा कांग्रेस के विधायक हैं। नागौर व मकराना से भाजपा के विधायक तो खींवसर व मेड़ता से आरएलपी के विधायक हैं।