गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी ने स्वीकृत नक्शों को नियम विरुद्ध मानते हुए महापौर गहलोत तथा उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता को प्रथमदृष्टया दोषी माना है। इस सम्बन्ध में नक्शे खारिज करने की अनुशंसा के साथ तत्कालीन सहायक अभियंता दीपक कौशिक, रमेश चौधरी, कनिष्ठ अभिंयता अंजुम अंसारी को गड़बड़ी का दोषी मानते हुए चार्जशीट जारी की गई है। उपायुक्त पर बिना जांचे ही फाइलों को मंजूरी देने के आरोप हैं, जबकि अभियंताओं पर गलत मौका रिपोर्ट देने सहित अन्य आरोप हैं। अभियंताओं को एपीओ करते हुए निगम से पहले ही हटाया जा चुका है।