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अजमेर

Ajmer Nagar Nigam : कलक्टर सहित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अफसर रहे पार्षदों के निशाने पर

नगर निगम की साधारण सभा, धीमे काम-काज पर फूटा गुस्सा
एडवायजरी कमेटी की बैठक नहीं होने पर सरकार से करेंगे शिकायत

अजमेरFeb 20, 2020 / 04:06 pm

himanshu dhawal

Ajmer Nagar Nigam :  कलक्टर सहित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अफसर रहे पार्षदों के निशाने पर

Ajmer Nagar Nigam : कलक्टर सहित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अफसर रहे पार्षदों के निशाने पर

अजमेर. नगर निगम की साधारण सभा में बुधवार को जिला कलक्टर सहित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारी पार्षदों के निशाने पर रहे। साधारण सभा में मौजूद स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को जहां स्मार्ट सिटी के कामकाज पर पार्षदों की गहरी नाराजगी झेलनी पड़ी, वहीं पिछले 17 महीने से स्मार्ट सिटी एडवायजरी कमेटी की बैठक नहीं बुलाए जाने पर स्मार्ट सिटी सीइओ (जिला कलक्टर) के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखे जाने का निर्णय लिया गया। साधारण सभा में स्मार्ट सिटी के कार्यों की धीमी गति और एलिवेटेड रोड के लिए पुरातत्व विभाग की एनओसी नहीं लेने पर भी सवाल उठे। कुछ पार्षदों ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने तक की मांग रख दी।
जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से नाराज
गांधी भवन सभागार में हुई साधारण सभा में स्मार्ट सिटी और सीवरेज कार्य को लेकर पाषर्दों ने अधिकारियों को घेरा। प्रस्ताव संख्या पांच पर हुई बहस के दौरान पार्षद रमेश सोनी ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों से एडवाइजरी कमेटी के सदस्यों और इसकी बैठक के आयोजन पर सवाल किया। इस पर अधिकारियों ने कमेटी में सांसद, विधायक, महापौर, एडीए, नगर निगम आयुक्त सहित शहर की कई संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होना बताते हुए 24 जून 2018 के बाद कोई बैठक नहीं होना बताया। महापौर की ओर से इस पर नाराजगी जताए जाने पर अफसरों ने सीइओ की हैसियत से जिला कलक्टर के स्तर पर ही बैठक की तिथि तय करने की जानकारी दी। महापौर ने मासिक बैठक बुलाए जाने का प्रावधान होने के बावजूद 17 महीने से बैठक नहीं बुलाने को जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन बताया। उन्होंने इसके लिए सदन की ओर से कारण भी जानने चाहे। उन्होंने कहा कि इससे जनप्रतिनिधियों की घोर उपेक्षा की गई है। स्मार्ट सिटी सीइओ के इस कृत्य की जानकारी केंद्र और राज्य सरकार को दी जाएगी।
ओल्डमैन नहीं ओल्ड मॉडल

पार्षद नीरज जैन ने स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर बरसते हुए अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने अधिकारियों को ओल्ड मॉडल बताते हुए यहां तक कहा कि किसी के बाल सफेद हो गए तो कोई गंजा हो गया। लेकिन काम कोई भी योजनाबद्ध तरीके से नहीं हो रहा। अधिकारियों के प्रति जैन की ऐसी भाषा सुनकर आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने महापौर के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई। इस पर महापौर ने जैन को मर्यादा में रहने को कहा। हालांकि उन्होंने मौजूदा अफसरों को नया बताकर उनका बचाव भी किया।
बिना मंजूरी के बन रहा एलिवेटेड रोड. . .!

साधारण सभा में पार्किंग स्थलों के प्रस्ताव पर बोलते हुए पार्षद नीरज जैन ने सवाल उठाया कि पुराने बस स्टैंड पर पार्किंग का प्रस्ताव 2016 का है जबकि 2020 में इस पर चर्चा हो रही है। उन्होंने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि बिना प्रक्रिया अपनाए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। शहर में पिछले डेढ़ साल से एलिवेटेड रोड का काम चल रहा है। अधिकारियों ने क्या इसके लिए पुरातत्व विभाग से एनओसी ली है। उन्होंने प्रोजेक्ट के अफसरों को पुरातत्व विभाग के कार्यालय की जानकारी तक नहीं होना बताया। इस पर अधिकारी भी चुप्पी साधे रहे। इस दौरान द्रोपदी देवी सहित कुछ पार्षदों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। उधर महापौर ने भी किसी भी काम को विधिवत प्रक्रिया से ही करने की नसीहत दी। स्मार्ट के अधिकारियों में चीफ इंजीनियर अनिल विजयवर्गीय, अतिरिक्त मुख्य अभियंता अविनाश शर्मा, अधिशासी अभियंता रमेश माथुर, टीम लीडर निर्मल धीर शामिल हुए।
बेवसाइट खोलते ही बाबाजी का फोटो

पार्षद रमेश सोनी अपने साथ कुछ वेबसाइट के कवर पेज साथ लेकर आए। उन्होंने सदन में पन्ने दिखाते हुए कहा कि अजमेर स्मार्ट सिटी की वेबसाइट खोलते ही किसी बाबाजी की फोटो दिखती है। जबकि कोटा स्मार्ट सिटी के वेबसाइट खोलने पर पूरा इंट्रोडक्शन सामने आता है। इस पर महापौर ने अधिकारियों को वेबसाइट अपडेट करने के लिए कहा। हालांकि स्मार्ट सिटी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अविनाश शर्मा का इस संबंध में कहना है कि यह उनकी साइट नहीं बल्कि निगम की साइट है जिस पर किसी ने ट््िवटर लिंक पर यह फोटो अपलोड की है।
निगम को नहीं पता क्या हो रहे हैं काम. . .!

साधारण सभा में हुई चर्चा से यह तो साफ हो गया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में क्या हो रहा है और आगे क्या होने वाला है। इसकी जानकारी न तो महापौर को है और न ही पार्षदों को। यहां तक निगम की जमीन पर हो रहे कार्यों तक की जानकारी नहीं दी गई। पार्षदों सहित खुद महापौर ने स्मार्ट सिटी में अब तक हुए कार्योंं बाबत पूछ लिया। साथ ही यह भी कि आगे क्या होने वाला है। पार्षदों की लम्बी बहस के बाद महापौर को स्मार्ट सिटी अधिकारियों से एक-एक सवाल करके सारी स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी। उन्होंने इंडोर स्टेडियम और पटेल मैदान में होने वाले कामों के बारे में भी पूछताछ की। अधिकारियों के जवाब पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि नगर निगम के मालिकाना हक की जमीन पर प्रोजेक्ट तैयार करने से पहले मालिक से पूछा तक नहीं गया। अधिकारियों के विकास के बाद निगम को ही सौंपे जाने के जवाब पर गहलोत ने प्रतिप्रश्न किया कि इंडोर स्टेडियम और पटेल मैदान सौंप दिए जाने के बाद उनके रखरखाव का तरीका और आय के क्या साधन होंगे। उन्होंने अधिकारियों को सुभाष उद्यान, आनासागर झील की सफाई आदि का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से वहां आय के साधन तैयार किए गए हैं वैसे ही पटेल मैदान या अन्य प्रोजेक्ट में भी होने चाहिएं। उन्होंने पटेल मैदान के पास जयपुर रोड पर शो-रूम, पार्र्किंग स्थल आदि बनाए जाने का सुझाव भी दिया।
पार्षद ने जोड़े हाथ, कहा-मेरे वार्ड में कभी मत आना

सीवरेज को लेकर हुई चर्चा के दौरान सभी पार्षदों ने एस्केप चैनल में सीवरेज डाले जाने, जहां कनेक्शन नहीं हुए वहां सीवरेज के बिल की वसूली व कई इलाकों में सीवरेज लाइन नहीं डाले जाने सहित कई मुद्दे उठाए। पार्षद राजेन्द्र राठौड़ ने तो यहां तक कह दिया कि सीवरेज का काम अगर ऐसा ही होता है तो मैं हाथ जोड़ता हूं कि मेरे वार्ड में तो सीवरेज डालने कभी मत आना। महापौर ने भी कहा कि सीवरेज को लेकर जो स्थिति सामने आई है, वह बहुत ही कष्टदायक है।
एक्सईएन के तबादले की उठी मांग

सीवरेज के मुद्दे पर चल रही चर्चा के दौरान नगर निगम में पूर्व में तैनात रहे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिशासी अभियंता केदार शर्मा के कार्यों को लेकर भी पार्षदों ने गहरी नाराजगी जताई। इस दौरान महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने शर्मा की ओर से जी-मॉल के पीछे स्थित मकानों के लिए डलवाई सीवरेज लाइन की खामियां गिनाते हुए स्मार्ट सिटी की एसीईओ चिन्मयी गोपाल से व्यंग्यात्मक लहजे में केदार शर्मा के तबादले की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्यक्ति को अजमेर जैसी छोटी-मोटी जगह पर नहीं रखना चाहिए।
सफाईकर्मी नियुक्ति का मामला भेजेंगे सरकार को

180 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला राज्य सरकार के पास भेजे जाने का निर्णय किया गया है। महापौर ने बताया कि निगम के स्तर पर इस मामले निष्पक्ष जांच की गई थी, किसी एक गुमनाम की शिकायत पर आवेदन निरस्त नहीं किए जा सकते लेकिन वर्तमान में पद रिक्त नहीं होने के कारण मामला आयुक्त की टिप्पणी के साथ राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
तीन जगह बन सकेंगे पार्किंग स्थल

निगम ने पार्र्किंग के लिए पांच स्थानों का चयन किया था, इसमें से तीन स्थानों पर पार्र्किंग स्थल बनाने के लिए हरी झंडी दे दी गई है। इसमें कस्तूरबा अस्पताल और गंज ऑफिस का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। जबकि ओल्ड फायर स्टेशन, इंदिरा गांधी स्मारक के पास और पुराने बस स्टैंड पर पार्र्किंग स्थल बनाने का निर्णय किया गया है। इंदिरा गांधी स्मारक के पास खेल मैदान के साथ अंडरग्राउंड पार्र्किंग स्थल बनाया जाएगा।
यह प्रस्ताव भी हुए पारित

-सीवरेज सहित स्मार्ट सिटी के कार्यों को समझने के लिए 28 फरवरी को कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

-कनिष्ठ लिपिक पद पर दो की नियुक्ति को हरी झंडी देते हुए भविष्य में साधारण सभा में प्रस्ताव पास होने के बाद ही नियुक्ति दिए जाने का निर्णय किया गया है।
-पटेल मैदान में हर साल राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
-भू-उपयोग परिवर्तन का अधिकार निगम से छीने जाने के मामले में राज्य सरकार से मांग की जाएगी कि मास्टर प्लान में जो जगह व्यावसायिक है, वहां के भू-उपयोग परिवर्तन का अधिकार निगम के पास ही रखा जाए।

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