scriptकिसी का खेत बिक गया तो किसी के गहने | Ajmer's poultry farm industry in serious trouble | Patrika News
अजमेर

किसी का खेत बिक गया तो किसी के गहने

अजमेर का पोल्ट्री फार्म उद्योग गंभीर संकट में, फार्मर के बैंक खाते हो गए एनपीए

अजमेरJan 03, 2020 / 10:34 pm

dinesh sharma

किसी का खेत बिक गया तो किसी के गहने

किसी का खेत बिक गया तो किसी के गहने

अजमेर.

घाटे की मार झेल रहे शहर के पोल्ट्री फार्मर गंभीर संकट में हैं। बैंकों में इनके लॉन के खाते एनपीए हो चुके हैं तो खेत और गहने बिक चुके हैं। इनके मकानों के पट्टे तक गिरवी रखे हैं। किसी ने अपने रिश्तेदार से उधार ले रखा है तो कोई दाना व्यापारी के कर्ज तले दबा है।
एक अनुमान के अनुसार शहर के करीब 90 पोल्ट्री फार्मर बैंकों का लोन चुकाने की स्थिति में नहीं और और इनके खाते एनपीए हो चुके हैं, जबकि 125-150 अन्य के भी हालात जुदां नहीं हैं। शहर के पोल्ट्री फार्मर 25 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ से अधिक के कर्जे में हैं।
यूपी-बिहार में खुले बेतहाशा पोल्ट्री फार्म और हरियाणा के बरवाला से मिली प्रतिस्पद्र्धा ने अजमेर के पोल्ट्री उद्योग की कमर तोड़कर रख दी। यूपी और बिहार में पिछले एक साल में धडल्ले से पोल्ट्री फार्म खुले हैं। यूपी में योगी सरकार की ओर से इस पर अधिक अनुदान दिया जाना भी एक कारण रहा।
हरियाणा के बरवाला में भी 400 के करीब पोल्ट्री फार्म खुल गए, जिससे वहां इनकी संख्या 600 से अधिक पहुंच गई। बरवाला के पोल्ट्री फार्म हरियाणा के अलावा यूपी-बिहार में भी अंडे सप्लाई करने लगे।
इससे यूपी-बिहार में अजमेर के अंडों की मांग घट गई। बरवाला से प्रतिस्पद्र्धा और अजमेर में उत्पादन के मात्र 10 प्रतिशत अंडों की ही खपत होने से अजमेर का पोल्ट्री उद्योग खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है।
और घटेगा उत्पादन

अजमेर से अंडों का उत्पादन आने वाले समय में और घटेगा। पोल्ट्री फार्म में अब तक जहां 80 लाख तक मुर्गियां पल रही थीं, वहीं अब यह संख्या घटकर 40 लाख रह गई है। मुर्गी से करीब 20 महीने तक अंडे लिए जा सकते हैं।
ऐसे में चूजे तैयार करने होते हैं। वर्तमान में मात्र 10 लाख चूजे ही तैयार हो रहे हैं। ऐसे में जो उत्पादन वर्तमान में आधा रहा है वह आने वाले दिनों में चौथाई रह जाएगा।
आधी रह गई सप्लाई

गत वर्ष तक यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश में 30 लाख प्रतिदिन तक अंडा सप्लाई हो रहा था। वहां खुले पोल्ट्री फार्म से यह संख्या अब 15 से 18 लाख प्रतिदिन ही रह गई है। इसे भी बिना मुनाफा उत्पादन लागत पर भेज रहे हैं।

Home / Ajmer / किसी का खेत बिक गया तो किसी के गहने

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो