Ajmer : बदहाली के फंद में विवेकानंद स्मारक
महापुरुषों के स्थलों की बेकद्री : लोग दीवारों के पत्थर और फर्श की टाइल्स तक निकाल ले गए, तक नहीं लगी स्वामी जी की प्रतिमा
Ajmer : बदहाली के फंद में विवेकानंद स्मारक
बलजीत सिंह. अजमेर. अगर महापुरुषों के स्मारकों की दुर्दशा देखनी हो तो अजमेर चले आइए। यहां महापुरुषों के स्मारकों की बेकद्री उनकी बदहाली का कारण बनती है। नियमित सार-संभाल के अभाव में कोटड़ा में पत्रकार कॉलोनी स्थित विवेकानंद स्मारक न केवल बदहाली का दंश झेल रहा है बल्कि शराबियों और असामाजिक तत्वों का ठिया बन गया है।
अजमेर विकास प्राधिकरण ने एक ऊंची पहाड़ी पर लोगों के घूमने-फिरने के लिए स्मारक का निर्माण करवाया था। यहां से दूर तक क्षेत्र का विहंगम अवलोकन किया जा सकता है। लेकिन विवेकानंद स्मारक की बदहाली की कहानी इसके निर्माण के बाद ही शुरू हो जाती है। स्मारक बने सालों बीत गए गए स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा आज तक स्थापित नहीं की गई। नतीजा ये कि स्मारक अद्र्धविकसित रह गया। उसके बाद एडीए ने भी स्मारक की सुध लेना लगभग बंद कर दिया।
स्मारक पूरी तरह विकसित नहीं होने और वीरानगी छाये रहने से लोग यहां पर सैर करने भी नहीं आते। लोगों की आवाजाही नहीं होने का फायदा उठाकर शराबी और असामाजिक तत्वों ने स्मारक में ठिया बनाना शुरू कर दिया। लोग स्मारक की दीवारों के पत्थर और फर्श की लॉकिंग टाइल्स तक निकाल के ले गए। वीरान हो चुके इस स्मारक पर सौंदर्य के नाम पर यहां कंटीली झाडिय़ां और शराब पीकर फेंकी गई बोतलें ही देखी जा सकती हैं।
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