मास्साबों की मोबाइल अटेंडेंस फेल
नहीं लग रही हाजिरी, फेल हुई मोबाइल अटेंडेंस, जिलों में 50 फीसदी भी
शिक्षक नहीं लगा रहे मोबाइल पर उपस्थिति, आते जाते समय लगाना है जरूरी
(प्रतीकात्मक फोटो)
जबलपुर। शिक्षकों की नियमित उपस्थिति को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग की एम शिक्षा मित्र योजना जिले में फेल साबित हो गई है। एप में तकनीकी दिक्कतों का हवाला देते हुए शिक्षक मोबाइल पर अटेंडेंस लगाने से बच रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग अब इसे नए सिरे लांच करने की तैयारी कर रहा है। एप के माध्यम से प्रदेश में कुल 30 फीसदी शिक्षक मोबाइल पर अटेंडेंस लगा रहे हैं। जिले में यह आंकड़ा 40 फीसदी के आस-पास है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के समय पर न आने-जाने की शिकायतों को देखते हुए एम शिक्षा मित्र एप लांच किया गया था। शिक्षकों को एप के माध्यम से दो बार अटेंडेंस लगानी होती है। एक स्कूल पहुंचकर एवं दूसरा स्कूल बंद होने के समय। इससे शिक्षक की लोकेशन का पता विभाग को
लगता है।
गलत लोकेशन बताता है एप
शिक्षकों की शिकायत है कि एप गलत लोकेशन बताता है। शिक्षक के स्कूल में होने के बाद भी उसकी लोकेशन स्कूल से पांच से सात किमी दूर बताई जा रही थी। इसके अलावा एसएमएस से अटेंडेंस का विकल्प दिया गया था, लेकिन इसमें तकनीकी त्रुटि के चलते शिक्षकों के पहुंचने का तो पता चलता था, लेकिन लौटने की सूचना नहीं आती थी। इस बात की शिकायत आयुक्त लोक शिक्षण तक पहुंची। जिलों से जानकारी के आधार पर समस्या का पता चलने के कारण इसमें सुधार किया जा रहा है।
प्रदेश में भी योजना की बुरी स्थिति
जबलपुर में करीब नौ हजार शिक्षकों में से करीब चार हजार शिक्षक ही मोबाइल से अटेंडेंस लगा रहे हैं। उज्जैन में 8344 शिक्षकों में से 3618, भोपाल में 7068 शिक्षकों में से 1500 शिक्षक, इंदौर में 8572 शिक्षकों में से 4900 शिक्षकों मोबाइल पर अटेंडेंस लगा रहे हैं। प्रदेश में करीब चार लाख शिक्षकों में से करीब 79 हजार शिक्षक ही इस तरह से हाजिरी लगा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि शिक्षकों ने लोकेशन ट्रैप होने से बचने के लिए एप का उपयोग न कर एसएमएस से अटेंडेंस भेज रहे हैं और लोकेशन गलत मिलने की बात कह रहे हैं।